संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी एक स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट में आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में रांची पहले और सिमडेगा तीसरे स्थान पर है। यूपी के चंदौली को देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि सोनभद्र चौथे स्थान पर है। यह रिपोर्ट आकांक्षी जिला कार्यक्रम में शामिल पांच प्रमुख क्षेत्रों (संकेतकों) पर आधारित है, जिनमें स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, बुनियादी ढांचा तथा कौशल विकास और वित्तीय समावेशन शामिल हैं।
सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों, लाभुकों से बातचीत और विकास तथा बदलाव के कुछ अन्य बिंदुओं के आधार पर यूएनडीपी ने यह मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर 11 जून को नीति आयोग को सौंपी है। इस सूची में रांची ने पहला और सिमडेगा ने तीसरा स्थान हासिल कर झारखंड का गौरव बढ़ाया है। वहीं, अति नक्सल प्रभावित जिलों में शुमार व 70 प्रतिशत जनजातीय आबादी वाले सिमडेगा का इस सूची में ऊपरी स्थान पर रहना और भी उत्साहवर्द्धक है। शिक्षा के क्षेत्र में गोड्डा के ज्ञानोदय माॅडल की भी विशेष सराहना हुई है। गोड्डा को देश में 10वां स्थान मिला है।
उल्लेखनीय उपलब्धि
सिमडेगा के उपायुक्त सुशांत गौरव ने इस उपलब्धि को उल्लेखनीय बताते हुए कहा है कि इससे हमारा उत्साह बढ़ा है और भविष्य में पहले से कहीं बेहतर प्रयास कर हम विकास की दिशा में तेज कदम बढ़ाएंगे। वहीं रांची जिले के उप विकास आयुक्त विशाल सागर ने इस उपलब्धि पर हर्ष जताते हुए कहा है कि इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है। हम इस दिशा में और भी अभिनव प्रयोग करेंगे।
सिमडेगा के उपायुक्त सुशांत गौरव ने कहा कि जिले में लगातार होने वाली समीक्षा के क्रम में पाई कमियों को चिन्हित कर सुधार व विकास के कई कार्य किए गए हैं। इस कार्य में केंद्रीय प्रभारी अधिकारी, जिला टीम और अन्य भागीदार ने बेहतर कार्य का प्रदर्शन एवं उत्प्रेरक का काम किया है। रिपोर्ट के अनुसार जहां स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधनों में बड़े पैमाने पर सुधार दर्ज किया गया है। वहीं अन्य संकेतकों पर भी महत्वपूर्ण प्रगति व मजबूती हासिल की है।
यूएनडीपी ने आकांक्षी जिला योजना की तारीफ की
इस रिपोर्ट में यूएनडीपी ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) को स्थानीय क्षेत्र के विकास के अत्यंत सफल मॉडल के रूप में सराहा है। यूएनडीपी ने कहा है कि इस कार्यक्रम ने आकांक्षी घोषित किए गए जिलों में विकास की रफ्तार बढ़ाने की दिशा में उत्प्रेरक का काम किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एडीपी के तहत किए गए ठोस प्रयासों के कारण पहले से उपेक्षित और नक्सल प्रभावित जिलों में पिछले तीन वर्षों के दौरान पहले के मुकाबले कहीं अधिक विकास हुआ है।
ऐसी है रैंकिंग
1. रांची (झारखंड)
2. चंदौली (उत्तर प्रदेश)
3. सिमडेगा (झारखंड)
4. सोनभद्र (उत्तर प्रदेश)
5. राजगढ़ (मध्यप्रदेश)
6. गोलपारा (असम)
7. फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
8. नामसाई (अरुणाचल प्रदेश)
9. रायचूर (कर्नाटक)
10. गोड्डा (झारखंड)
12. दारांग (असम)
13. मुजफ्फरपुर (बिहार)
14. नवरंगपुर (ओडिशा)
15. अररिया (बिहार)
16. औरंगाबाद (बिहार)
17. रायगढ़ (ओडिशा)
18. कोरापुट (ओडिशा)
19. गुना (मध्यप्रदेश)