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Ranchi news- ‘खत्म होगी अनाथालय व्यवस्था’, सीएम हेमंत सोरेन का ऐलान- मानव तस्करी पर लगाम के लिए महिला SPO की होगी नियुक्ति

रवि सिन्हा, रांचीझारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में अब अनाथालय की व्यवस्था समाप्त होगी। गांव की सामाजिक व्यवस्था में ही अनाथ बच्चों की परवरिश होगी। मुख्यमंत्री कोरोना काल में अनाथ बच्चों की सहायता के लिए झालसा और राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए प्रोजेक्ट शिशु के तहत आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मानव तस्करी पर अंकुश के लिए महिला एसपीओ की नियुक्ति का निर्देश भी अधिकारियों को दिया। विधवा-विधुर को सौंपी जाएगी अनाथ बच्चों की जिम्मेवारीमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सूबे में अनाथालय व्यवस्था को समाप्त कर उस गांव में रहने वाले विधवा या विधुर को ही इन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी सौंपने की कार्ययोजना तैयार की जाए। इसके लिए सीएम ने विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। राज्य सरकार इसके एवज में बच्चों के लालन-पालन में आने वाला खर्च उठाएगी। विधवा या विधुर को प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध कराएगी। इससे अनाथ बच्चों का लालन-पालन सामाजिक माहौल में हो सकेगा और जब तक वो अपने पैरों पर खड़े नहीं हो जाते, सरकार आवश्यक सहयोग करेगी।

इसे भी पढ़ें:- कोरोना की तीसरी लहर से जंग की तैयारी, झारखंड में विकसित किए जा रहे हैं पीआईसीयू वार्डमानव तस्करी पर अंकुश के लिए महिला एसपीओ की नियुक्तिमुख्यमंत्री ने मानव तस्करी पर अंकुश को लेकर वरिष्ठपुलिस पदाधिकारियों को राज्य में महिला एसपीओ की नियुक्ति का निर्देश दिया है। इससे महिलाओं और बच्चियों की ट्रैफिकिंग के बारे में सही सूचना पुलिस को समय पर मिल सके और ऐसे मामलों पर अंकुश लग सके।

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‘605 चिह्नित अनाथ बच्चों में से 200 तक पहुंचाई गयी सहायता’हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण में गांव में डेथ ऑडिट कराने का भी फैसला लिया है। इसके तहत जो बच्चे अनाथ हुए है, उनके बारे में पूरी जानकारी एकत्रित की जा रही है। राज्य में अब तक ऐसे 605 बच्चे चिह्नित किये गए हैं, जिसमें से 200 लोगों तक झालसा और सरकार के माध्यम से सहयोग पहुंच चुकी है, बाकी बचे अन्य बच्चों तक भी सरकार सहायता उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है।

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‘तीसरी लहर को रोकेंगे, सामना करना भी पड़े, तो प्रयास होगा एक भी मौत ना हो’मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की यह कोशिश होगी कि कोविड-19 की तीसरी लहर को नहीं आने दिया जाए। अगर इसका सामना भी करना पड़े, तो जानमाल का नुकसान ना हो, इसका प्रयास किया जा रहा है क्योंकि एक भी व्यक्ति की मौत चिंता का विषय होता है और यह राज्य के लिए बड़ी क्षति होती है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा- अनाथ बच्चों तक विनम्र भाव से सहायता पहुंचाएंकार्यक्रम के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन ने कहा कि बच्चे बड़े कोमल होते हैं। इस मुश्किल की घड़ी में उनकी भावना किसी तरह से आहत ना हो, इसका खास ध्यान रखा जाए। उन्होंने अनाथ बच्चों तक सहायता पहुंचाने वाले पदाधिकारियों से आग्रह किया गया कि वे बच्चों के पास जाएं, तो बड़े ही विनम्र भाव से पेश आएं, उन्हें यह ना अहसास दिलाएं कि उन्हें मदद दी जा रही है। बल्कि यह बताएं कि यह उनका अधिकार है और भविष्य में भी प्रशासन पूरा सहयोग करेगा। कार्यक्रम के दौरान कई पुस्तिका का विमोचन हुआ और बच्चों के लिए लघु कार्टून फिल्म का भी लोकार्पण हुआ।

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