झारखंड विधानसभा (Jharkhand Legislative Assembly) का मानसून सत्र (Monsoon Session) 29 जुलाई से शुरू होगा. मानसून सत्र 5 अगस्त तक चलेगा. इस सत्र के दौरान लगभग आधा दर्जन विधेयकों को लाने की तैयारी है, जिनमें निजी विश्वविद्यालय के रूप में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय विधेयक के अलावा कुछ संशोधन विधेयक भी शामिल हैं. इस दौरान झारखंड में डिजिटल साक्षरता तथा कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कौशल विद्या इंटरप्रेन्योरशिप, डिजिटल एंड स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी.
यह चार विधेयक भी पेश करेगी सरकार
राज्य सरकार द्वारा मानसून सत्र में अन्य जो विधेयक लाए जाएंगे, उनमें झारखंड राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम, 2000 (अंगीकृत एवं संशोधित) में संशोधन से संबंधित विधेयक भी शामिल हैं. इसमें नियुक्तियों में कालेज की जगह विश्वविद्यालय को यूनिट मानने का प्रविधान किया गया है. इसी तरह, मानसून सत्र में झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक भी आना तय है. मानसून सत्र के दौरान उन चार विधेयकों को भी दोबारा विधानसभा में लाने की तैयारी है, जिन्हें राज्यपाल रमेश बैस ने कुछ आपत्तियों के साथ वापस लौटा दिया था. इनमें भीड़ हिंसा (माब लिंचिंग) निवारण विधेयक, पंडित रघुनाथ जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक, कृषि विपणन विधेयक तथा झारखंड वित्त विधेयक शामिल हैं.
इन त्रुटियों के कारण लौटाया था बिल
इनमें से पंडित रघुनाथ जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक के दोबारा लाने पर कैबिनेट की स्वीकृति भी मिल गई है. बता दें कि राज्यपाल ने भारतीय मुद्रांक शुल्क अधिनियम, 1948 में संशोधन के लिए विधानसभा से पारित झारखंड वित्त विधेयक, 2021 में कुछ आपत्तियां दर्ज करते हुए उसे वापस लौटा दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने दोबारा विधेयक को बिना विधानसभा से पारित कराए त्रुटियों में सुधार व संशोधनों के साथ विधेयक राजभवन को भेज दिया था. राज्यपाल ने इसपर आपत्ति करते हुए दोबारा विधानसभा से संशोधन के साथ विधेयक को पारित कराते हुए राजभवन को भेजने को कहा. इससे अन्य लौटाए गए विधेयकों को भी विधानसभा से दोबारा पारित कराना पड़ रहा है. राज्यपाल ने इन सभी विधेयकों में हिंदी एवं अंग्रेजी प्रारूप में कई अंतर होने की त्रुटि को दूर करने के अलावा माब लिचिंग विधेयक में भीड़ को सही ढंग से परिभाषित करने को कहा है.