पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने एक बार फिर राजस्व को चपत लगाने के लिए खनन विभाग को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ऐसे शातिर अफसरों पर लगाम कसने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि हाल में ही ठकुरानी खदान में गड़बड़ी की आशंका जाहिर की गई थी। झारखंड खनिज विकास निगम पर 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। माइंस में हो रही गड़बड़ी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की बौछार कर रहे हैं।
विधायक राय ने गुरुवार को देवका भाई माइंस में लौह अयस्क भंडार का आकलन करने में खनन विभाग के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग किए ट्वीट में लिखा है, “खान विभाग ने देवका बाई भेलजी की 46 हेक्टेयर खनन क्षेत्र में से 12 हेक्टेयर का अन्वेषण किए बिना पूरे क्षेत्र पर 17 लाख टन लौह अयस्क की नीलामी नोटिस जारी कर अक्षम्य गलती की है। खान विभाग के तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारी मूर्ख हैं या शातिर? मुख्यमंत्री इन्हें सम्हालें, राज्य का घाटा रोकें.”
17 लाख टन लौह अयस्क की नीलामी का नोटिस:
मेसर्स देवका भाई भेलजी को 1953 में ओडिशा सीमा पर स्थित अजिताबुरू में लौह अयस्क का खनन पट्टा मिला था। इसका कुल क्षेत्रफल 46.62 हेक्टेयर है। सितंबर 2014 में तत्कालीन रघुवर सरकार ने इस खदान से खनन कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया था। देवका भाई भेलजी के खनन कारोबार को वर्तमान में धीरज भाई बेलजी, संजय (संजू) शारडा एवं श्रवण शारडा संभाल रहे हैं। खनन पट्टा भेलजी परिवार के नाम से है, लेकिन बाद में शारडा परिवार उनका पार्टनर हो गया। सुप्रीम कोर्ट के कॉमन कॉज मामले में स्वीकृत पर्यावरण क्षमता से अधिक अयस्क खनन के आरोप में कई कंपनियों पर बतौर जुर्माना सरकार का बकाया था।