मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियां जिला प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बन गईं हैं। टेल्को के शमशेर टावर से पटमदा के गोबरघुसी गांव स्थित बाल कल्याण आश्रम में शिफ्ट किए गए 39 बच्चों (23 लड़कियां, 16 लड़के) में से दो और लड़कियां गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे फरार हो गईं। बताया जाता है कि उन्होंने शौच जाने की बात कहकर सुरक्षाकर्मियों को चकमा दे दिया। इनमें से एक बोड़ाम थाना क्षेत्र के पोरकाडीह, जबकि दूसरी डुमरिया के कलियाम की मूल निवासी हैं। एक की उम्र 18, जबकि दूसरी की 15 साल बताई जाती है। घटना के बाद से दोनों की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है। दोनों लड़कियों के घर पर उनकी खोज की गई, हालांकि वे वहां नहीं पहुंचीं थीं।
डीएसपी पहुंचे, दो घंटे की पूछताछ
घटना की सूचना मिलने के बाद डीएसपी सुमित कुमार बाल कल्याण आश्रम पहुंचे। उन्होंने आश्रम के संचालन से जुड़े रसोइया समेत तीन पुरुष और तीन महिला कर्मचारियों से बात कर मामला समझने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं है। समय पर नाश्ता और भोजन दिया जाता है। तीन बार सुबह, शाम और रात में उनकी गिनती की जाती है। उनके साथ इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर विमल किंडो, बीडीओ शंकराचार्य सामद, सीओ चंद्रशेखर तिवारी, थाना प्रभारी अशोक राम भी थे।
आश्रम में चारदीवारी नहीं है
सुरक्षा के दृष्टिकोण से बाल कल्याण आश्रम में कमी बताई जा रही है। आश्रम की चारदीवारी नहीं है। 11 जून की रात इन लड़कियों को शिफ्ट किए जाने के बाद से वहां पर तीन पुरुष, दो महिला जवान और एक हवालदार की तैनाती की गई है। मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के टेल्को स्थित शेल्टर होम से दो लड़कियां पहले ही भाग चुकी हैं। दोनों लड़कियां 11 जून को शिफ्टिंग से पहले भागी थीं। इनमें से एक घाटशिला जबकि दूसरी बिरसानगर की है। इससे पहले भी दो लड़कियां भागी थीं, परंतु वो दोनों वापस लौट आयीं थीं। उन्होंने ही संचालक हरपाल सिंह थापर पर यौन शोषण का आरोप लगाया जिससे हंगामा मच गया।