साहिबगंज की पूर्व थाना प्रभारी रूपा तिर्की के परिजनों को हाईकोर्ट ने पूरी सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। रूपा की मौत की सीबीआई जांच कराने के लिए उनके पिता की याचिका पर सुनवाई्र करते हुए जस्टिस एके द्विवेदी की अदालत ने यह निर्देश दिया। अदालत ने रूपा तिर्की के पिता के आरोपों पर सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
रूपा के पिता देवानंद उरांव ने दायर याचिका में कहा है कि उनकी पुत्री ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गयी है। उसकी हत्या कर उसके शव को लटका दिया गया है। उनकी पुत्री की हत्या की साजिश रची गयी थी और इसमें विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र और एक एसडीपीओ शामिल हैं।
प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि पंकज मिश्र के पिता और कई महत्वपूर्ण मामलों का अनुसंधान उनकी पुत्री रूपा तिर्की कर रही थी। इस कारण उनकी हत्या कर शव को लटका दिया गया है। रूपा तिर्की का शव जिस अवस्था में पाया गया था, उससे प्रतीत होता है कि आत्महत्या नहीं है।
अदालत को बताया गया कि जब वह पुलिस अधिकारियों से अपना संदेह के समाधान के लिए सवाल कर रहे थे तो उन पर चुप रहने का दबाव बनाया गया। पूरे परिवार को चुप रहने की धमकी दी गयी है। इस मामले के अनुसंधान के बीच में ही एक वरीय पुलिस अधिकारी ने ट्वीट कर कह दिया कि यह आत्महत्या है। इस कारण इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिए।
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि मामले का अनुसंधान जारी है। परिजनों को किसी प्रकार की धमकी नहीं दी गयी है। पुलिस निष्पक्ष हो कर जांच कर रही है। निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीके गुप्ता की एक सदस्यीय आयोग का गठन कर जांच करा रही है। इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सुनवाई के बाद अदालत ने रांची के एसएसपी को रूपा तिर्की के परिजनों को सुरक्षा प्रदान करने और सरकार को सभी आरोपों का जवाब देने का निर्देश देते हुए सुनवाई 27 जुलाई तक स्थगित कर दी।