अपनी तीन सूत्री मांग को लेकर शनिवार को धरना दे रहे त्रिवेणी सैनिक प्राइवेट लिमिटेड के मजदूरों को पुलिस ने हटाने का प्रयास किया तो बवाल हो गया। कोरोना गाइडलाइन का हवाला देते हुए पुलिस ने मजदूरों को धरनास्थल से हटने को कहा। इससे आक्रोशित लोगों ने पथराव शुरू कर दिया।
इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने 19 लोगों को हिरासत में लिया है। एनटीपीसी के अधीन काम कर रही त्रिवेणी सैनिक प्राइवेट लिमिटेड के मजदूर बोनस बढ़ोतरी, काम से निकाले गए मजदूरों की पुनर्बहाली आदि की मांग को लेकर सुबह छह बजे उरूब स्थित वूम बैरियर के पास धरने पर बैठे।
इस बीच कंपनी के अधिकारियों एवं मजदूरों के बीच दो बार बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया लेकिन बोनस नहीं दिए जाने की बात से मजदूर भड़क गए। उधर, धरना की सूचना पाकर एसडीपीओ मोहम्मद नेहालउद्दीन, बीडीओ प्रवेश कुमार साहू, सीओ वैभव कुमार सिंह, डाडी कलां थाना प्रभारी सशस्त्र पुलिस बल के साथ पहुंचे।
उन्होंने मजदूरों से कोवीड-19 का हवाला देते हुए धरना खत्म करने को कहा। उन्होंने मजदूरों को महामारी खत्म होने के बाद वार्ता करने का सुझाव दिया। हालांकि मजदूर अपनी मांगों पर डटे रहे। उन्होंने बोनस देने का लिखित आश्वासन मांगा। इस पर पुलिस प्रशासन की ओर से मजदूरों को कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर गाड़ी में पकड़ कर ले जाने की बात कहीं गई।
दोनों तरफ से बातचीत चल ही रही थी कि कुछ लोग पथराव करने लगे। इस पर पुलिस के जवानों ने लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। पुलिस हिरासत में लिए 19 लोगों पर मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही थी। उधर, मजदूरों का नेतृत्व कर रहे उमेश साव ने बताया कि वार्ता के दौरान पुलिस के द्वारा मजदूरों पर लाठीचार्ज किया गया। इसमें तीन लोगों को चोट आई है। वहीं त्रिवेणी सैनिक कंपनी को पूर्ण रूप से बंद करा दिया गया है जिससे कंपनी को करोंड़ों का घाटा हुआ है।