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Bihar Live News – LJP में फूट और विवादों के बीच नया मोड़, पशुपति कुमार पारस और सांसद प्रिंस के खिलाफ कोर्ट में परिवाद

लोजपा में पड़ी फूट और पशुपति कुमार पारस की बगावत के बाद से चल रही रार के बीच बुधवार को नया मोड़ आ गया। सांसद पशुपति कुमार पारस और सांसद प्रिंस राज के खिलाफ मुजफ्फरपुर की अदालत में परिवाद दाखिल किया गया है। दोनों पर धोखाधड़ी समेत कई आरोप लगाए गए हैं। 

सदर थाना क्षेत्र के पताही निवासी कुंदन कुमार ने बुधवार को सीजेएम कोर्ट में हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस व समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज व पांच अज्ञात पर परिवाद दर्ज कराया है। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए 21 जून की तिथि निर्धारित किया है। 

परिवादकर्ता कुमार ने आरोप लगाया कि दोनों सांसद ने चार-पांच अज्ञात लोजपा नेताओं की मदद से लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद चिराग पासवान के खिलाफ साजिश रचकर धोखाधड़ी की है। आरोपियों ने अन्य सांसदों व नेताओं को दिग्भ्रमित किया। सांसद पशुपति कुमार पारस ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली। परिवादकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपियों के व्यवहार से मुझे अत्यंत पीड़ा हुई एवं सदमे में चला गया। डॉक्टर से मेरा इलाज चल रहा है।

पारस बोले, चिराग के फैसलों से पार्टी खत्म हो रही थी
बुधवार की सुबह दिल्ली में चिराग पासवान ने प्रेस कांफ्रेंस कर चाचा पारस पर कई आरोप लगाए तो वहीं पटना पहुंचे पारस ने कई बातों से पर्दा उठाया। पारस ने कहा कि हम एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन चिराग पासवान इसके लिए राजी नहीं हुए। यही वजह है कि लोजपा खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी थी। 

चिराग ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी संविधान की बातों को उठाते हुए पारस के फैसलों को गलत बताया था। उसका जवाब देते हुए पारस ने कहा कि हमारी पार्टी के संविधान में साफ लिखा है कि एक व्यक्ति-एक पद। चिराग पासवान 2013 से पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं। 2019 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इसके लिए चुनाव नहीं हुआ। नामांकन नहीं हुआ। इसके बाद वो संसदीय दल के नेता बन गए। पार्टी के संविधान के खिलाफ एक व्यक्ति तीन पद पर रहा। अब पार्टी ने फैसला लिया कि चिराग को संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाए। 

पारस ने कहा कि आप चिराग पासवान से जरूर पूछें कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया। सत्ता न होने पर भी उन्होंने ऐसा किया। पारस ने दावा किया कि बिहार में लोकसभा का चुनाव मेरी देखरेख में पार्टी ने लड़ा और सभी 6 सांसद जीते। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हमें सबसे ज्यादा वोट मिले।

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