बिहार में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप कमजोर हो गया है। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं राजनीतिक पार्टियों ने भी अपने अपने तरीके से तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच शनिवार को बिहार बीजेपी की ओर से एक ट्वीट किया गया है, जिसमें बताया गया है कि बिहार में अब पंचायत चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों को कोरोना टीका लेना होगा अनिवार्य। एनडीए सरकार ने गांवों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए यह अहम फैसला लिया है।
गौरतलब है कि बिहार में त्रि-स्तरीय ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी का चुनाव लड़ने के लिए कोरोना का टीका लगवाना अनिवार्य होगा। इसे सुनिश्चित कराने का आग्रह राज्य निर्वाचन आयोग से बिहार सरकार ने किया था। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया था कि आयोग से आग्रह किया गया है कि कोरोना टीका लगाने वाले को ही चुनाव लड़ने की इजाजत दें।
बिहार में अब पंचायत चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशियों को कोरोना टीका लेना होगा अनिवार्य।
गांवों में टीकाकरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए एनडीए सरकार ने लिया है अहम फैसला।#TransformingBihar pic.twitter.com/KVTOHGVAOA
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) June 26, 2021
अक्टूबर-नवंबर में चुनाव संभव
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव अक्टूबर-नवंबर में कराने की संभावना है। इसके लेकर मतदाता सूची को अद्यतन करने का निर्देश भी जिलों को दिया गया है। बूथों के पुनर्गठन आदि की कार्रवाई भी शुरू करने को कहा गया है। साथ ही, ईवीएम की व्यवस्था करने में भी आयोग जुट गया है। नियमानुसार 15 जून के पहले नये निर्वाचित प्रतिनिधियों का शपथ हो जाना चाहिए था। पर, ऐसा नहीं हो सका। ईवीएम को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग में सहमति नहीं बन सकी थी। बाद में यह मामला पटना हाईकोर्ट में भी गया। कोर्ट ने इस पर आपसी सहमति बनाने को कहा। इसी बीच कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई। इसको देखते हुए पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को शुरू नहीं किया गया।
परामर्शी समिति को मिला है जिम्मा
पांच वर्ष की अवधि पूरी होने के कारण 15 जून को पूर्व में गठित ग्राम पंचायतें भंग हो गई हैं। 16 जून से पंचायतों और कचहरियों का कार्य परामर्शी समिति के माध्यम से कराया जा रहा है। इसको लेकर पंचायती राज अधिनिमय में संशोधन भी किये गए हैं। हालांकि परामर्शी में पूर्व के निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही रखा गया है। निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। पंचायतों में चल रहे विकास के कार्य बाधित नहीं हों, इसी मकसद से यह निर्णय लिया गया है। नये निर्वाचन होने तक यह व्यवस्था राज्य में रहेगी।
कितने पंचायत : 8386
राज्य में प्रखंड : 534
मुखिया के पद : 8386
सरपंच के पद : 8386
वार्ड सदस्य : 1,14,667
कचहरी पंच : 1,14,667
समिति सदस्य : 11,491
जिप सदस्य : 1161