उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर के शहरी और सीतामढ़ी के कुछ इलाकों को छोड़ बाढ़ अभी नियंत्रण में है। हालांकि उत्तर बिहार के सभी जिलों में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण कभी भी स्थिति बिगड़ सकती है। नदियों में बूढ़ी गंडक और बागमती जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि जारी है जबकि गंडक,कमला-बलान और बधवारा समूह की नदियां फिलहाल शांत है। शनिवार को सीतामढ़ी के बोखरा प्रखंड के चकौती पंचायत में वज्रपात से एक युवक की मौत हो गई है। साथ ही एक घायल हो गया।
बूढ़ी गंडक में पानी बढ़ने से मुजफ्फरपुर के निचले मोहल्लों में तेजी से पानी फैल रहा है। शुक्रवार कर देर रात मुशहरी के दर्जन भर गांवों में भी पानी फैल गया था। वहीं बांध के किनारे शहर के छिटभगवतीपुर सहित कई मोहल्लों में पानी भर जाने के कारण बड़ी संख्या में लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं।
सीतामढ़ी जिले में नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है। हालांकि बागमती सहित अधवारा समूह की नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। बागमती नदी चंदौली, ढेंग, सोनाखान में खतरे के निशान से काफी करीब है। वहीं अधवारा समूह की नदियां के भी जलस्तर में वृद्धि हो रही है। दूसरी ओर दरभंगा व मधुबनी जिले से गुजरने वाली कमला नदी अभी शांत है।
पूर्वी व पश्चिम चंपारण जिले में नदियों के जलस्तर में उतार चढाव का सिलसिला जारी है। गंडक व बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है। गंडक बराज ने शनिवार दोपहर को 1,02,100 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया है। दूसरी ओर पश्चिम चंपारण जिले की नदियों में जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। गंडक, सिकरहना समेत दर्जनभर नदियों में उफान है। ओरिया नदी का पानी सिकटा के उच्चतर मध्यमिक स्कूल में घुस गया है।
समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 73 सेमी नीचे है। शनिवार सुबह जलस्तर 45.00 मीटर पर पहुंचा गया। जून में ही खतरे के निशान के करीब पहुंचने से जलसंसाधन विभाग हैरान है। आमतौर पर 15 जुलाई के बाद ही इस नदी में बाढ़ जैसी स्थिति होती है। दूसरी ओर गंगा के जलस्तर में भी शनिवार सुबह वृद्धि दर्ज की गई। गंगा का जलस्तर 44.20 मीटर पर है।