बारिश से उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा फिर गहराने लगा है। बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ने से जून माह में ही पूर्वी चम्पारण के सुगौली शहर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है। वहीं बंजरिया प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति फिर गंभीर होने लगी है। उधर, गंडक नदी में पानी कम होने के साथ बगहा शहरी क्षेत्र के पास कटाव तेज हो गया है। इंजीनियरों की टीम कटाव रोकने में जुट गई है। सीतामढ़ी के ढेंग में बागमती नदी खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही है।
कटौझा, चंदौली, सोनाखान व डूबा धार में जलस्तर में वृद्धि जारी है। इधर, लखनदेई नदी में पानी बढ़ने से रेल पुल के पास बने दो डायवर्सन बह गए हैं। मजबूरन लोगों को रेल पुल से नदी पार करनी पड़ रही है। समस्त्ीपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर तो मोहनपुर के सरारी घाट में गंगा का पानी कम रहा है।
पश्चिम चम्पारण में गंडक, सिकरहना समेत अन्य नदियों में जलस्तर कम हो रहा है। सोमवार को वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में 81800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जलस्तर कम होने के साथ ही नदियों की धार तेज हो गई है। बगहा के शहर के पास नदी ने फिर से कटाव शुरू कर दिया है। इंजीनियरों की टीम कटाव स्थल के पास कैम्प कर रही है।
पूर्वी चम्पारण के सुगौली व बंजरिया प्रखंड के कई हिस्सों में बाढ़ के पानी फैलने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। सुगौली के ग्रामीण इलाकों के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी फैल रहा है। नगर पंचायत के वार्ड नंबर एक व दो दो दिनों से बाढ़ से घिरा है। बंजरिया प्रखंड के जटवा जनेरवा सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है। गंडक व बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव का क्रम जारी है। इधर, दरभंगा में बागमती और अधवारा समूह की नदियों में पानी बढ़ रहा है, जबकि कमला में जलस्तर घट रहा है। फिलहाल सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं।