बिहार में कोरोना की वजह से मरने वाले कई लोगों के परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। ताजा मामला बेगूसराय जिले के सदर प्रखंड के चांदपुरा गांव का है। यहां सदर अस्पताल में 27 अप्रैल को चंद्रिका तांती कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया था। 10 मई को उनकी मौत हो गई।
मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी परिजनों से मुलाकात करने के लिए नहीं पहुंचा। थक हारकर परिजनों ने किसी तरह उनका अंतिम संस्कार कर दिया। अब मुआवजा और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए परिजन भटकने को मजबूर हैं। मृतक के बेटे ने बताया कि प्रखंड कार्यालय से लेकर सदर अस्पताल तक का कई बार चक्कर लगाया लेकिन एक महीने बाद भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बना है।
बेटे ने बताया कि अस्पताल में कहा जाता है कि मृतक की अस्पताल में मौत नहीं हुई है इसलिए डॉक्टर मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देंगे। इसके बाद आंगनबाड़ी से मृत्यु प्रमाण पत्र फॉर्म भरकर ब्लॉक में जमा किया गया। पिछले 10 दिनों से लगातार ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं लेकिन कुछ नहीं हो रहा है।
इस मामले में डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि यदि आपको मृत्यु प्रमाण पत्र या अन्य कोई कागजात नहीं मिल रहा है तो आप मुआवजे के लिए सिविल सर्जन या डीएम ऑफिस या आपदा विभाग में आवेदन दे सकते हैं। यहां जांच के बाद सरकारी निर्देशों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।