भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब लोग तेजी से संक्रमित हो रहे थे और सरकार युद्धस्तर पर जांच, टीकाकरण और लॉकडाउन का पालन कराकर जीवन बचाने में लगी थी। तब, राजद के राजकुमार बिहार से बाहर रहकर सोशल मीडिया पर केवल अनर्गल आरोप लगा रहे थे या अपने सरकारी आवास में अस्पताल खोलने का नाटक कर रहे थे। वे जब स्वयं वैक्सीन लेने को अब भी तैयार नहीं हैं, तब टीकाकरण पर उन्हें कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं। आरोप लगाया कि लालू परिवार गरीबों को टीका लेने से रोकने के दुष्प्रचार की बड़ी साजिश का हिस्सा है।
शनिवार को ट्वीट कर मोदी ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की अपनी जरूरत से चार गुना अधिक सिलेंडर की मांग कर बिहार सहित 12 राज्यों की आपूर्ति पर बुरा असर डाला। इससे ऑक्सीजन की कालाबाजारी को बढ़ावा मिला। सुप्रीम कोर्ट की ताजा ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली ने 300 मीट्रिक टन की जगह 1200 मीट्रिक टन की मांग की।
1/2- छपरा जैसी एक-दो चुनिंदा मानवीय भूल की घटनाओं को आधार बना कर सरकार को कोसने वाले नेता प्रतिपक्ष को बताना चाहिए छह महीने से चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान क्या एक दिन भी किसी वैक्सिनेशन सेंटर पर गए हैं? अब तक अपने माता-पिता को वैक्सीन क्यों नहीं लगवाए?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 25, 2021
65 दिनों बाद पटना आए तेजस्वी 204 दिनों के बाद राघोपुर गये : जेडीयू
प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि तेजस्वी यादव अपने क्षेत्र की जनता से कितने करीब है, इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 204 दिनों के बाद तेजस्वी यादव अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर पहुंचे। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तेजस्वी यादव एक बार मात्र किसी की शादी में थोड़ी देर के लिए अपने क्षेत्र गए थे। उसके बाद से तेजस्वी यादव ने अपने क्षेत्र को मुड़कर भी नहीं देखा।
संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव सोची-समझी रणनीति के तहत अपने क्षेत्र में गए हैं, ताकि इन्हें जानता भूला न दें। बीच में लापता होने का कई बार पोस्टर भी जनता लगा चुकी है। इनाम भी उनके नाम पर घोषित किया जा चुका है। अब भाई ठहरे चांदी की चम्मच लेकर पैदा होने वाले नेता, तो यह अपनी जनता को ही भूल गए थे। 65 दिनों के बाद पटना आये और 204 दिन के बाद अपने क्षेत्र में गए। आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने राघोपुर पहुंचकर खूब ड्रामा किया। ऐसा लगा जैसे यह बड़े रहनुमा बनकर आए है। जब जनता को आपकी जरूरत थी तो आप कहां थे?