राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लोजपा की टहनियां छंट गईं, लेकिन उसकी जड़ और तना तो रामविलास भाई के चिराग हैं। अपने जीवन काल में ही रामविलास ने अपने सिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष का ताज उतारकर चिराग के सिर पर रख दिया था। संभवत: उन्हें इस बात की आशंका थी कि भविष्य में पार्टी के नेतृत्व को लेकर विवाद पैदा हो सकता है। उनको यकीन था कि अपने राजनीतिक जीवन में समाज में जो अपना आधार उन्होंने बनाया है, वह चिराग के ही साथ रहेगा।
तिवारी ने कहा कि अपने भाइयों से रामविलास पासवान को गजब का लगाव था। जिस प्रकार उन्होंने अपने भाइयों को राजनीति में पाला-पोसा और उनको आसमान में पहुंचाया, ऐसी नजीर अपवाद है, लेकिन चिराग द्वारा जारी चिट्ठी में जो खुलासा हुआ है, वह आश्चर्यजनक है। उसके अनुसार पशुपति पारस ने पिता समान बड़े भाई के श्राद्ध खर्च के लिए अपनी भाभी से पैसे लिए। यह तो अति है! श्री तिवारी ने कहा कि अचानक हुए घटनाक्रम के बाद सावधान होकर चिराग ने जिस प्रकार आक्रामक शुरुआत की है, उससे तो स्पष्ट है कि पशुपति पारस उनके सामने टिक नहीं पाएंगे।