उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार की सत्ताधारी पार्टी, जदयू भी अपना प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी ने 200 सीटों पर यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयारी आरंभ कर दी है। जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव तथा यूपी के प्रभारी केसी त्यागी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी एक राउंड की बातचीत हो चुकी है, जिसमें हमने पार्टी के निर्णय से उन्हें अवगत करा दिया है। कहा कि भाजपा से गठबंधन का निर्णय हुआ तो ठीक अन्यथा जदयू अपने दम पर चुनाव में उतरेगा।
जदयू महासचिव ने कहा कि 2017 में भी जदयू ने यूपी चुनाव की तैयारी की थी। हमारे नेता नीतीश कुमार ने पूर्वी व मध्य यूपी में कई चुनावी सभाएं भी की थीं और यहां की जनता का जबर्दस्त रिस्पांस उन्हें मिला था। लेकिन सर्वसम्मति से 2017 यूपी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया। लेकिन यह हमारी भारी भूल थी। 2017 का चुनाव नहीं लड़ने का जदयू को यूपी में भारी नुकसान हुआ है। हम लड़े होते तो कम से कम दर्जनभर सीट पर जीतते।
त्यागी ने कहा कि यूपी जदयू नेताओं के साथ उन्होंने कई राउंड की बैठकें की हैं और चुनाव लड़ने की तैयारी चल रही है। नीतीश कुमार ने उन्हें जब से यूपी का प्रभार दिया था तभी से वे यहां संगठन की मजबूती पर काम कर रहे हैं। कहा कि इस प्रदेश में जदयू का जनाधार रहा है। 2002, 2007 और 2012 में समता पार्टी और जदयू के रूप में हम यूपी में चुनाव लड़े हैं। विधानसभा, लोकसभा और यूपी सरकार में जदयू की भागीदारी रही है।
उन्होंने कहा कि 2017 में जदयू के मैदान में नहीं होने से किसान और अतिपिछड़ों का हमारा वोट भाजपा को शिफ्ट हुआ था। कहा कि जिस सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के चलते जदयू बिहार में ताकतवर पार्टी बनी है, उनके समर्थन से हमारी पार्टी के विस्तार की उत्तर प्रदेश में अत्यधिक संभावनाएं हैं।