नेपाल और बिहार में पिछले 48 घंटे से भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चम्पारण से मिथिलांचल तक के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नेपाल से आने वाली छोटी-बड़ी नदियों ने चम्पारण में तबाही मचानी शुरू कर दी है। मौसम की पहली बारिश में ही बुधवार को वाल्मीकिनगर बराज से 4.12 लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ने से गंडक का पानी पश्चिम व पूर्वी चम्पारण के साथ-साथ मुजफ्फरपुर के दियारे इलाके के गांवों में प्रवेश करने लगा है। इधर, मिथिलांचल में अभी स्थिति भयावह नहीं है, लेकिन कोसी, कमला, बलान, बागमती सहित अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी है।
नेपाल में हो रही बारिश के कारण उत्तर बिहार की अधिकतर नदियां उफान पर हैं। महानंदा, गंडक व बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि अभी सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे है। गंडक में अप्रत्याशित रूप से जलस्तर बढ़ा है। इस मौसम में अब तक की यह रिकॉर्ड वृद्धि है। गंडक का बहाव बेहतर रूप से सुनिश्चित करने को सत्तर घाट पुल के पास 3 अस्थायी कटाव किए गए हैं।
बुधवार को जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि दो दिन पहले गंडक में 99 हजार क्यूसेक पानी था, पर मंगलवार को यह 2.74 लाख तो बुधवार को 4.12 हजार तक आ पहुंचा। हालांकि बुधवार शाम में 8000 क्यूसेक की कमी आई है, पर वाल्मीकिनगर इलाके में हुई बारिश के कारण ऐसा अनुमान है कि गंडक में साढ़े 4 लाख से पौने पांच लाख क्यूसेक तक पानी जा सकता है।
बूढ़ी गंडक के जलस्तर में मुजफ्फरपुर से खगड़िया से वृद्धि
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि बागमती और बूढ़ी गंडक का भी जलस्तर बढ़ा है। बूढ़ी गंडक में मुजफ्फरपुर से खगड़िया के बीच जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही हैं। हालांकि सभी नदियों का जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है। सरकार सभी आवश्यक कार्रवाई कर रही है। हर 10 किलोमीटर पर कनीय अभियंता को लगाया गया है। एसडीओ भी पेट्रोलिंग कर रहे हैं। गंडक के इलाके में अनुमंडल स्तर पर 50 मजदूर और 10 ट्रैक्टर के साथ बाढ़ संघर्षात्मक सामग्री का भंडारण किया गया है। विभाग ने पहली बार स्थानीय लोगों की सेवा ली है। उनसे मिली सूचना के आधार पर सरकार कार्रवाई कर रही है। पेट्रोलिंग का काम भी स्थानीय लोग कर रहे हैं। पथ निर्माण के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि पिछले वर्ष गोपालगंज व चम्पारण के बीच बना सत्तर घाट पुल का एप्रोच पथ टूटने के बाद एक तकनीकी समिति गठित की गई थी। उस समिति ने डेढ़ माह पहले एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें तीन स्थानों पर 800 मीटर का पुल बनाने की अनुशंसा की है। इसका डीपीआर बन रहा है। मानसून के बाद काम शुरू होगा। मौजूदा समय में गंडक में अप्रत्याशित जलस्तर वृद्धि को देखते हुए उन तीनों स्थानों पर अस्थायी कटान किया गया है ताकि गंडक का बहाव सुचारू हो सके और सत्तर घाट पुल को नुकसान न हो। इस कटान के कारण चंपारण जाने वालों को गोपालगंज और सारण के बाद बंगरा घाट पुल से आना-जाना होगा। जिला प्रशासन की ओर से यातायात डायवर्ट कर दिया गया है।
पश्चिम चम्पारण के चार दर्जन गांवों में घुसा गंडक का पानी
पश्चिम चंपारण में गंडक के साथ-साथ सिकरहना, मसान, हड़बोड़ा, भपसा समेत दर्जनभर नदियों में उफान आ गया है। गंडक की बाढ़ का पानी बुधवार को बगहा शहर के वार्ड-4 में प्रवेश कर गया है। यहां के करीब 125 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं वाल्मीकिनगर, मधुबनी, धनहा, ठकरहा, चौतरवा, बैरिया व नौतन ले निचले इलाकों के चार दर्जन से अधिक गांव में गंडक का पानी घुस गया है। इधर, बगहा-2 के बकुली के परोरहा में भपसा नदी के पानी के दबाव से 10 फीट सड़क बह गई। यमुनापुर पंचायत के फरसहनी गांव में हरहा नदी की बाढ़ में सड़क पर चल रही बोलेरो बहकर खेत में चली गई। संयोग था कि उसमें सवार लोग बाल-बाल बच गए। उधर, लौरिया-नरकटियागंज पथ पर अशोक स्तंभ के पास डायवर्सन पर कार बह गयी। लौरिया सीओ संजय कुमार ने कार को रेस्क्यू कर उसमें फंसे दो लोगों को बचाया। लौरिया प्रखंड में सिकरहना (बूढ़ी गंडक) का पानी तांडव मचाना शुरू कर दिया है। ऐतिहासिक अशोक स्तंभ परिसर पानी से लबालब हो गया है। नदियों में बढ़ रहे जलस्तर से तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है।
पूर्वी चम्पारण के सुगौली व संग्रामपुर में घुसा बाढ़ का पानी:
पूर्वी चंपारण के सुगौली व संग्रामपुर के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी बुधवार को प्रवेश कर गया है। गंडक व बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सुगौली प्रखंड की आठ पंचायतों के निचले हिस्से में सिकरहना (बूढ़ी गंडक) के उफनाने से बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। सुगौली नगर पंचायत के वार्ड नंबर 1 व 2 में बाढ़ का पानी फैल रहा है। संग्रामपुर के मंगलापुर से पुछरिया गांव जाने वाली मुख्य सड़क पर एक फुट पानी बह रहा है। गंडक का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति की सूचना पर डीएम ने बुधवार को चंपारण तटबंध का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिया।
सीतामढ़ी के ढेंग व कटौझा में बागमती लाल निशान के करीब
सीतामढ़ी में चार दिनों से हो रही बारिश से बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। ढेंग सहित सभी जगह सोनाखान, डूबा घाट, चंदौली व कटौझा में बागमती नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। ढेंग में बागमती नदी का जलस्तर 69.45 मीटर पर पहुंच गया है जो खतरे के निशान से मात्र 67 सेमी नीचे है। वहीं कटौझा में नदी का जलस्तर खतरे के निशान 53.73 से मात्र 69 सेमी नीचे है। बागमती नदी सोनाखान, डूबा घाट व चंदौली में वृद्धि जारी है। वहीं डूबा घाट में जलस्तर स्थिर है। अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर सभी जगह पर काम हो रहा है
मुजफ्फरपुर में गांवों पर बाढ़ का खतरा
लगातार बारिश के कारण मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक और बागमती के जलस्तर में तेजी से वृद्धि शुरू हो गई। पिछले 24 घंटों में दोनों में नदियों में दो से ढाई फीट तक की वृद्धि दर्ज की गई है। औराई के कटौंझा सहित कई इलाकों में नदियां खतरनाक रूप लेती जा रही है। आसपास के कई निचले गांवों में पानी घुसने लगा है। बूढ़ी गंडक में उफान अभी नियंत्रण में है मगर बागमती की स्थिति खतरनाक होती जा रही है। औराई के साथ ही कटरा के कई गांवों में भी पानी तबाही मचाने लगा है।
मधुबनी में धौस नदी उफनाई, बेनीपट्टी में चचरी पुल बहा
मधुबनी जिले में अभी तक कोसी, कमला व बलान नदी के जलस्तर में मामूली वृद्धि हुई है। बेनीपट्टी में अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में सोइली घाट के निकट धौस नदी में वृद्धि हुई है। सरिसव स्थित बछराजा नदी के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है, लेकिन प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि नहीं होने से फिलहाल लोगों को राहत है। इधर, बेनीपट्टी में धौस नदी में उफान से चचरी पुल बहने की सूचना है। इससे करहरा गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
दरभंगा में बारिश का पानी जमने से स्थिति विकराल
दरभंगा जिले में पिछले चार दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से शहर समेत ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर पानी जमा हो गया है। शहर के बेंता ओपी और सदर थाना परिसर के अलावा डीएमसीएच, जिप कार्यालय परिसर आदि में जलजमाव हो गया है। नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। हालांकि सभी नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे हैं। कोसी की उपधारा में पानी बढ़ने से कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के उजुआ में कटाव जारी है।
समस्तीपुर में गंगा और बूढ़ी गंडक में मामूली वृद्धि
समस्तीपुर जिले में गंगा और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में हल्की वृद्धि हुई है। सभी नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे है। कहीं किसी गांव में न बाढ़ आयी है और न ही सड़क पर बाढ़ का पानी नहीं चढ़ा है।