इन दिनों शादी-बारात का सीजन चल रहा है। शादी समारोह में अक्सर प्रेमिका विलेन बनकर आती है या फिर किसी मामले में पुलिस दखल देती है। लेकिन बिहार में इससे कुछ अलग हुआ। गांव में बारात आई। बारात का स्वागत भी किया गया। रात में सात फेरे हुए। अगले दिन दुल्हन की विदाई की तैयारी की जा रही थी तभी अचानक गांव में पानी घुस आया। अचानक गांव में बड़ी तादाद में पानी देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। बारातियों में खलबली मच गई। बाराती को जैसे-जैसे वापस जाने लगे लेकिन अब दूल्हे को दुल्हन ले जानी की चिंता सताने लगी।
गांव में पानी धीरे-धीरे बढ़ रहा था। देखते ही देखते पानी से गांव लबालब हो गया। गांव में नाव उतराने लगीं। दूल्हे को दुल्हन के साथ नाव में बिठालकर ले जाया गया। मामला सारण जिले का है। मसरख थाना क्षेत्र के चैनपुर चरिहार से तरैया-पानापुर सीमावर्ती क्षेत्र सगुनी-रामपुररुद्र-61 में बारात आई थी। तरैया सीमावर्ती क्षेत्र के सगुनी-रामपुररुद्र के रहने वाले दिलीप सहनी की बेटी शिला कुमारी की शादी थी। शादी के लिए लोग गाड़ियों पर बैठकर आए। दूल्हे की गाड़ी भी सजी थी।
लड़की पक्ष वालों ने बारातियों का स्वागत सत्कार किया। रात में खाना खाने के बाद कुछ बाराती वापस गाड़ी से चले गए। रात को सात फेरे हुए। सुबह हो चुकी थी। अब बारात की विदाई की तैयारी शुरू हो गई। विदाई की रस्मे चल ही रही थी कि अचानक गांव में पानी भरने लगा। अचानक आए बाढ़ के पानी को देखकर हर कोई हैरान था तो वहीं दूल्हा दुल्हन को ले जाने के लिए चिंतित दिखा। बचे-खुचे बाराती तो जैसे-तैसे चले गए। दूल्हा और दुल्हन को नाव पर बिठाकर बारात विदा की गई।