90 के दशक में टेलीवीजन पर आने वाला धारावाहिक रामायण में सीता का स्वयंवर होने का सीन सुना भी होगा और देखा भी। यह स्वयंवर सतयुग में जनकपुर में हुआ था, ऐसी मान्यता है, लेकिन बिहार के एक जिले में इसी तरह की एक अनोखी शादी हुई है। कलयुग में दूल्हा बने एक युवक का स्वयंवर किया गया। दूल्हे ने पहले शिव धनुष तोड़ा। इसके बाद दुल्हन ने दूल्हे को वरमाला पहनाई। दूल्हे के वरमाला पड़ते ही शादी पांडाल में तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई। इस अनोखी शादी को देखकर लोगों को सतयुग की रामायण की याद आ गई।
सारण जिले के सोनपुर प्रखंड अंतर्गत सबलपुर पूर्वी क्षेत्र में एक शादी समारोह के दौरान सतयुग के तौर पर धनुष स्वयंवर का आयोजन किया गया। इस आयोजन में फर्क सिर्फ इतना था कि सतयुग के उस स्वयंवर में बड़े-बड़े योद्धा थे, लेकिन यहां पर केवल दूल्हा फिक्स था। जिसमें दूल्हे ने शिव धनुष तोड़ने की परंपरा निभाई। फिर वरमाला के बाद विधि-विधान से विवाह संपन्न हुआ। सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत सबलपुर पूर्वी में एक शादी समारोह में कलयुग में दूल्हे ने जैसे ही शिव धनुष तोड़ा, जिसके बाद कन्या ने वरमाला पहनाई। दूल्हे के गले में वरमाला पड़ते ही फूलों की बरसात होने लगी। स्वयंवर का यह अनोखा विवाह देखने वाले देखते रह गए। भीड़ इतनी थी कि स्वयंवर देखने के लिए सोशल डिस्टेंस के साथ कोविड प्रोटोकॉल की खूब धज्जियां उड़ाई गईं।