पटना में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात हुई अप्रत्याशित बारिश ने पिछले 23 सालों का जून महीने में बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया। रातभर राजधानी में भारी गरज तड़क की स्थिति रही और कई जगह प्रचंड वज्रपात की घटनाएं हुईं। मेघ गर्जन और वज्रपात की घटनाएं इतनी प्रचंड थी कि लोग सुबह से अनजाने भय और दहशत से जागे रहे। हालांकि, शनिवार को दिनभर में पटना में कहीं भी बारिश दर्ज नहीं की गई।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार की शाम 5.30 बजे तक मात्र 19 मिमी बारिश हुई थी, जबकि रात 11.30 बजे यह आंकड़ा 22.2 मिमी था। इस समय तक पटना में मामूली बारिश हुई थी लेकिन इसके बाद अचानक बादल घनीभूत होने लगे और रात ढाई बजे तक जब यह आंकड़ा 110.8 मिमी पर पहुंच गया। यानी मात्र तीन घंटे में हुई 88.6 मिमी की भारी बारिश में पटना बेहाल हो गया। पटना में शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शनिवार साढ़े आठ बजे के बीच कुल 146 मिमी बारिश हुई जो बीते 23 सालों में सबसे अधिक है। सूबे में जून महीने में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 30 जून 1997 को हुई जब 24 घंटों में 205 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। यह बारिश पटना में किसी भी साल किसी भी महीने में होने वाली बारिश का सार्वकालिक रिकॉर्ड है।
अतिभारी बारिश और प्रचंड वज्रपात की यह रही वजह
पटना में अचानक भारी बारिश और अप्रत्याशिक वज्रपात से हर कोई अचरज में है। मौसमविदों ने भी उत्तर बिहार और सीमांचल के इलाकों में एक-दो जगह पर भारी बारिश की चेतावनी दी थी, लेकिन सबसे ज्यादा बादल पटना में बरसे। मौसम विज्ञान केंद्र पटना की ओर से बताया गया कि पिछले एक हफ्ते से दक्षिण बिहार में तापमान का बढ़ना जारी था। वातावरण में नमी पहले से मौजूद थी उसपर दक्षिण पूर्वी उत्तरप्रदेश व इसके आसपास चक्रवाती परिसंचरण की वजह से दक्षिण बिहार के वातावरण में अस्थिरता आ गई थी। जिसके कारण दोपहर के बाद थंडरस्टॉर्म बनना शुरू हो गया था। बादलों के घनीभूत होते ही मौसमी सिस्टम का साथ मिला और काफी गरज-तड़क के साथ भारी बारिश और वज्रपात की घटनाएं हुई। हालांकि, भारी बारिश की वजह से पटना का अधिकतम तापमान पिछले 24 घंटों में दो डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान तीन से चार डिग्री तक नीचे आया है।
कहां हुई कितनी बारिश, कैसा रहेगा मौसम
पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश पटना में 150 मिमी, गलगलिया में 130 मिमी, तैयबपुर में 120 मिमी जबकि बोरवा, श्रीपालपुर, सिसवन और ठाकुरगंज में 90 मिमी बारिश हुई। प्राप्त मॉडल के अनुसान झारखंड के आसपास बने चक्रवाती परिसंचरण की वजह से सूबे में गरज-तड़क के साथ बारिश के आसार हैं। एक-दो जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है।