डीएम के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग में बहाल 780 दैनिक कर्मियों की सेवा समाप्त करने 20 घंटे के अंदर ही उन्हें फिर से बहाल कर लिया गया है। इस बार इनकी बहाली 26 जुलाई तक के लिए मान्य की गई है। इनकी बहाली में अनियमितता की शिकायत के बाद सिविली सर्जन ने डीएम के आदेश पर गुरुवार को बहाली रद्द की थी, फिर 20 घंटे के अंदर ही स्वास्थ्य सुविधा चरमराने व विभागीय निर्देश के आलोक में सिविल सर्जन ने सभी को फिर से बहाल कर लिया।
कोविड से लड़ाई के लिए स्वास्थ्य विभाग में पिछले एक माह में 780 कर्मियों की बहाली दैनिक श्रमपुस्त पर की गई थी। इनकी बहाली में धांधली की शिकायत पर डीएम ने डीडीसी एसके झा के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी ने बहाली के अनियमितता के शिकायत की पुष्टि करते हुए उसे रद्द करने की सिफारिश के साथ ही दोषी पदाधिाकरी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
डीएम प्रणव कुमार ने जांच रिपोर्ट के आधार पर बहाली रद्द करने का आदेश दिया था व विभाग को दोषी पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इसके बाद डीएम के आदेश पर सिविल सर्जन ने तमाम बहाली की रद्द कर दिया था। शुक्रवार को सिविल सर्जन ने अपने आदेश में एक बार फिर संशोधन किया व कहा कि सभी पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों से सूचना आ रही है कि बहाल कर्मियों को हटाने से स्वास्थ्य सुविधा चरमरा जाएगी। सिविल सर्जन ने इसी का हावाला देते हुए चयनमुक्त कर्मियों को फिर से बहाल करने का आदेश जारी कर दिया।
सदर अस्पताल से एसकेएमसीएच तक हंगामा
इन सारी घटनाओं के बीच चयनमुक्त किये गए स्वास्थ्य कर्मियों ने शुक्रवार को खूब हंगामा किया। बहाली रदद करने की सूचना मिलने के बाद स्वास्स्थ्य कर्मी सदर अस्पताल व एसकेएमसीएच के अलावा कांटी पीएचसी में भी हंगामा किया हंगामे की आशंका को लेकर सदर अस्पताल में पुलिस पहले से तैनात की गई थी। लेकिन एसके एमसीएच व पीएचसी में कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण मरीजों को भी कठिनाई का सामाना करना पड़ा।