पश्चिमी चंपारण में एक दिन पूर्व तक हुई लगातार बारिश ने कई जगहों पर नुकसान पहुंचाया है। इसमें बगहा प्रखंड में हरहा नदी पर बने पुल का एप्रोच पथ भी कई जगहों पर गड्ढों में तब्दील हो गया है। इस कारण बीस से अधिक गांव के लोग प्रभावित हुए हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की नाबार्ड योजना के अंतर्गत पिछले साल निर्मित खजूरी उच्चस्तरीय पुल से हरहा नदी में अति जलवृष्टि से अचानक आई बाढ़ से प्रभावित हो गया। एप्रोच रोड में गढ्ढा होने से आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो गया है।
इस पुल के बनने से लगभग बीस गांवो के लोगों, किसानों को आवागमन और खेती बाड़ी में काफी फायदा मिलता था। अब हरहा नदी में अचानक आई बाढ़ से जलस्तर बढ़ गया है। इसके कारण नदी का रुख दूसरी तरफ से भी होकर बहने लगा है। वहीं एप्रोच पथ के पास बहुत बड़े कुंड जैसे गड्ढे हो जाने से पुल पर जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है।
इस पुल से होकर अनुमंडल मुख्यालय या रामनगर से उत्तर प्रदेश या अन्य स्थानों को जाने वाले और खेती बाड़ी आदि के लिए आने-जाने वाले ग्रामीण तथा खेती किसानी के सभी कार्य बंद हो चुके हैं। उक्त पुल लगभग चार करोड़ रुपए के लागत से निर्मित है। इसे ग्रामीण कार्य विभाग बगहा- 1 द्वारा पूर्ण कराया गया है।
स्थानीय ग्रामीण कुंदन कुमार, रिपुसुदन तिवारी, राजेश्वर सिंह, गोपाल जी, बंटी यादव , शिवनारायण राम तथा पूर्व पंचायत प्रमुख मिथिलेश पति तिवारी आदि ने इस रास्ते को तत्काल चलने योग्य बनाने की मांग की ताकि समय से खेती बाड़ी और अन्य कार्यों के लिए आवगमन चालू हो सके।
एप्रोच पथ के कट जाने से 15 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। इस कारण लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके कट जाने से मुख्य रूप से खजूरी, कोहरगड्डी, बांसगांव, नूनिया टोला, हरिजन टोला, मंझरिया, पकड़ी, हरदी आदि कई गांवों का आवागमन प्रभावित हुआ है।