प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत राज्य में छह लाख से अधिक मकान का निर्माण अधूरा है। ऐसे लाभुकों को राज्य सरकार द्वारा नोटिस भेजा जा रहा है कि जल्द निर्माण पूरा कराएं, नहीं तो कार्रवाई होगी। ये ऐसे लोग हैं, जो सरकार से पहली अथवा दूसरी किस्त प्राप्त कर चुके हैं, पर निर्माण कार्य अधूरा छोड़े हुए हैं। इन्हें निर्देश है कि जल्द-से-जल्द निर्माण कार्य को आगे बढ़ाएं। अगर दूसरी किस्त भी ले चुके हैं तो मकान पूर्ण करें।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभुक को तीन किस्तों में पैसे दिये जाते हैं। इस योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए अनुदान राशि के रूप में हर लाभुक को एक लाख 20 हजार रुपये एवं उग्रवाद प्रभावित जिलों में एक लाख 30 हजार रुपये दिये जाते हैं। इनमें 60 प्रतिशत केंद्र सरकार तथा 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के द्वारा उपलब्ध करायी जाती है।
ग्रामीण विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक 32 लाख 60 हजार 978 आवास बनाने का लक्ष्य तय था। इसके विरुद्ध 26 लाख 87 हजार आवास की स्वीकृति दी गई। इनमें 26 लाख 51 हजार को पहली किस्त भी जारी की जा चुकी है। पर, अभी तक 20 लाख आवास ही पूर्ण हुए हैं। इनको आवास पूरा करने के लिए एक मौका दिया जाएगा।
सबसे पहले दिया जाता है सफेद नोटिस
पैसे लेकर मकान अधूरा छोड़ने वालों को सबसे पहले सफेद नोटिस भेजा जाता है। इसके बाद भी अगर काम आगे नहीं बढ़ा तो लाल नोटिस भेजी जाती है। तीसरी बार में लाभुकों को आगाह किया जाता है कि निर्माण पूरा नहीं करेंगे तो कानूनी कार्रवाई होगी। राशि की वसूली की जाएगी। इसके बाद भी मकान पूरा नहीं करने पर कार्रवाई शुरू कर दी जाती है।
इस वर्ष 11.49 लाख आवास बनाने का लक्ष्य
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बिहार में 11 लाख 49 हजार 947 आवास बनाने का लक्ष्य है। विभाग द्वारा इस लक्ष्य को जिलावार वितरण करने की कार्रवाई की जा रही है। बरसात बाद लाभुकों को पहली किस्त जारी करने की योजना है।
मंजूरी मिलते ही पहली किस्त
पहली क़िस्त आवास के लिए मंजूरी मिल जाने के बाद तुरंत लाभुक को दी जाती है। इसके बाद दूसरी किस्त उस समय मिलती है जब उनके घर का आधार एवं नींव रख दी जाती है। तीसरी एवं आखिरी किस्त खिड़की एवं दरवाजे, छत का काम पूरा होने के बाद दी जाती है। 40-40 हजार की राशि तीन किस्तों में दी जाती है।
चार लाख इंदिरा आवास अपूर्ण, डोर-टू-डोर सर्वे होगा
वर्ष 2015-16 तक क्रियान्वित इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत भी करीब चार लाख आवास अभी तक अपूर्ण हैं। इसको लेकर जिलों को निर्देश है कि डोर-टू-डोर सर्वे कराएं। अगर कोई यह कहता है कि निर्माण वे नहीं करा सकते हैं तो उनसे लिखित रूप में लें। मालूम हो कि वर्ष 2016-17 से प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण क्रियान्वित है। इसके पहले इंदिरा आवास योजना के तहत बिहार में 25 लाख से अधिक मकान बने हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सभी जिलों को निर्देश है कि हर सप्ताह पंचायतों में आवास दिवस अनिवार्य रूप से मनाया जाए। इस दिन लाभुकों से मिलकर यह सुनिश्चित किया जाता है कि वे निर्माण कार्य को आगे बढ़ाएं। अगर, उनकी कोई समस्या हो तो उसका निदान किया जाता है। मैं स्वयं इसकी नियमित रूप से जिलावार समीक्षा करता हूं। पदाधिकारियों को निर्देश है कि स्वीकृत आवास का निर्माण तेजी से पूरा कराएं। निर्माण अधूरा छोड़ने वालों को नोटिस भेजकर कार्रवाई करें।’
योजना की स्वीकृति
लक्ष्य : 32 लाख 60 हजार 978
स्वीकृत : 26 लाख, 87 हजार 8630
पहली किस्त जारी : 26 लाख, 51 हजार 489
दूसरी किस्त जारी : 22 लाख, 76 हजार 325
तीसरी किस्त जारी : 19 लाख, 55 हजार 632
पूर्ण हुए आवास : 20 लाख, 15 हजार 318