दिल्ली के पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की लॉ की डिग्री मामले में दिल्ली पुलिस तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कई टेबुलेशन रजिस्टर लेकर गई थी, जिसे आज तक नहीं लौटाया गया है। वहीं टीएमबीयू प्रशासन ने भी उसे वापस लाने को लेकर कोई खास रुचि नहीं दिखाई है।
दिल्ली के पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री मामले में दिल्ली पुलिस भागलपुर जांच करने कई बार आई और यहां जांच के साथ कई कागजात अपने साथ लेकर गई। इसमें विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज, मुंगेर के टेबुलेशन रजिस्टर अपने साथ ले गई। यहां से ले गए अधिकतर रजिस्टर की सीजर लिस्ट भी बनाई गयी थी।
सूत्रों के अनुसार 1998, 1999 के तीसरे पार्ट का टेबुलेशन रजिस्टर, पार्ट वन के 1996, 1997, 1998 का टीआर, पार्ट टू के 1997, 1998 का टेबुलेशन रजिस्टर अपने साथ दिल्ली पुलिस ले गई। उस समय यह कहा गया था कि जल्द ही लौटा देंगे। कोर्ट में ऑरिजनल कॉपी प्रस्तुत करनी है, इसलिए ले जा रहे हैं। लेकिन करीब पांच साल हो गए और यह टेबुलेशन रजिस्टर नहीं वापस किया गया। जबकि टीआर में सैकड़ों छात्रों के रिजल्ट हैं।
वेरिफिकेशन के लिए आते हैं आवेदन
विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज, मुंगेर के उन सत्रों के किसी छात्र को जब भी डुप्लीकेट डिग्री की जरूरत होगी तो उसे मिलने में परेशानी होगी। इतना ही नहीं, विभिन्न संस्थानों या अन्य विभागों से छात्रों की डिग्री के वेरिफिकेशन के लिए विवि भेजा जाता है। उस समय के किसी छात्र की डिग्री के लिए वेरिफिकेशन की जरूरत होगी तो यह परेशानी होगी। पहले भी उस समय की ऐसी कई डिग्री के वेरिफिकेशन का मामला सामने आया, लेकिन विवि के पास इसका टेबुलेशन रजिस्टर नहीं होने के कारण परेशानी हुई। बाद में कॉलेज भेजकर वहां से संपुष्ट कराया गया। इस आधार पर विवि ने उसे वेरिफाई कर दिया।
पहले भी मांगा गया है दिल्ली पुलिस से टीआर
पूर्व कुलपति एलसी साहा के समय भी इसे मंगाने के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र भेजा गया था, जिसपर दिल्ली पुलिस ने जल्द ही वापस करने का भरोसा दिया था। मुख्य बात तो यह है कि आखिर वे टीआर दिल्ली पुलिस के पास कितने सुरक्षित हाल में रखे हुए हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण सिंह ने कहा कि अभी तक दिल्ली पुलिस ने टीआर वापस नहीं की है।
आज तक नहीं बनी सॉफ्ट कॉपी
इस मामले के बाद तत्कालीन कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे के समय में कहा गया था कि विवि के सभी टीआर का स्कैन कराकर उसकी सॉफ्ट कॉपी तैयार करा ली जाएगी ताकि वह हमेशा के लिए विवि के पास सुरक्षित रहे। लेकिन वह आज तक स्कैन नहीं कराया गया।