लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद पहली बार पटना पहुंचे पशुपति कुमार पारस का एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। पारस गुट के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक गुरुवार को पटना में होगी। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। उधर, दिल्ली में बुधवार को प्रेसवार्ता कर चिराग पासवान ने इसे असंवैधनिक बताया है। चिराग पासवान ने कहा है कि पार्टी संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष दो ही स्थिति में हट सकते हैं, या तो वह इस्तीफा दे दें या फिर उनका निधन हो जाए। कार्यसमिति को अध्यक्ष को अपदस्थ करने का अधिकार ही नहीं है और ना ही अध्यक्ष के अलावा किसी को कार्यसमिति बुलाने का अधिकार हे।
पटना हवाई अड्डे पर पशुपति कुमार पारस का समर्थकों ने खुलकर स्वागत किया। बड़ी संख्या में जुटे कार्यकर्ता सूरजभान और पारस जिन्दाबाद के नारे लगा रहे थे। हवाई अड्डे से वह सीधे पार्टी कार्यालय पहुंचे। पार्टी कार्यालय से लेकर एयरपोर्ट तक सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे। पार्टी कार्यालय पर काला झंडा लेकर पहुंचे कुछ चिराग समर्थकों को एन्टी रायट फोर्स ने खदेड़ दिया। हालांकि इसके पहले उनकी झड़प पारस समर्थकों से हो चुकी थी, लेकिन अधिक संख्या होने के कारण पार्टी कार्यालय पर पारस गुट का ही कब्जा रहा। दिल्ली से पारस के साथ सिर्फ प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल आये, लेकिन हवाई अड्डे पर उनके स्वागत में सूरजभान और उनके सांसद भाई चंदन भी थे।
उधर, पार्टी प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने पटना पहुंचने के बाद बताया कि बैठक के लिए सभी राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्यों को सूचना दे दी गई है। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक गुरुवार को 11 बजे दिन से पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के कंकड़बाग स्थित आवास पर होगी। श्रवण कुमार अग्रवाल ने दावा किया कि रामविलास पासवान ने जब लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था तो उस समय 25 संस्थापक सदस्य थे। वह सभी राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य शुरू से रहे हैं। उनमें से छह लोगों का निधन हो चुका है। शेष 19 लोगों ने लोजपा संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस में अपनी आस्था व्यक्त की है। इसके अलावा जितने भी पुराने और पार्टी के वरीय साथी है सब श्री पारस के साथ हैं।