दरभंगा रेलवे स्टेशन के बाहरी हिस्से को जल्द ही दरभंगा के भव्य लक्ष्मेश्वर विलास पैलेस का रूप मिलेगा। ये अब कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत यूनिवर्सिटी (केएसडीएसयू) का प्रशासनिक कार्यालय है। इसके लिए समस्तीपुर के पूर्व रेल मंडल द्वारा किए गए पुनर्विकास कार्यों को धन्यवाद। सौंदर्यीकरण अभियान तीन साल पहले तत्कालीन डीआरएम एसके जैन के कार्यकाल के दौरान शुरू हुआ था।
जैन को क्षेत्र के इस हिस्से में पुनर्विकास के काम को पूरा करने और स्टेशनों पर मिथिला कला को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए रेलवे बोर्ड से काफी सराहना मिली थी। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक, दरभंगा जंक्शन नई और उन्नत सुविधाओं से लैस हो चुका है- जैसे एस्केलेटर, लिफ्ट, बेहतर पार्किंग क्षेत्र, व्यापक एप्रोच रोड और लैंडस्केपिंग (भूनिर्माण)।
स्टेशन मैनेजर अशोक कुमार सिंह ने कहा, ‘यह काम पिछले साल पूरा होना था लेकिन कोविड-19 के कारण श्रमिकों की कमी की वजह से इसमें देरी हुई।’ उन्होंने कहा कि स्टेशन के बाहरी डिजाइन को केएसडीएसयू भवन की तर्ज पर मॉडिफाई किया गया है। जल्द ही कार्य के खत्म होने की उम्मीद है।
केएसडीएसयू भवन का निर्माण दरभंगा के राजा महाराज लक्ष्मेश्वर सिंह ने 1882 में करवाया था। 1934 में आए भूकंप के बाद इमारत की आंशिक मरम्मत की गई थी। ऐसा पता चला है कि एक फ्रांसीसी आर्किटेक्ट ने इसे पेरिस (फ्रांस) के पास स्थित वर्सेल्स पैलेस के पैटर्न पर डिजाइन किया था।
इसी बीच दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने हाल ही में दरभंगा स्टेशन का दौरा किया और रेलवे अधिकारियों के साथ पुनर्विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। ठाकुर ने कहा कि दरभंगा और समस्तीपुर खंड के बीच ट्रैक डबलिंग (दोहरीकरण) का काम लगभग पूरा होने वाला है। गौरतलब है कि काकरघाटी स्टेशन से होकर बाइपास बनाने के लिए 298 करोड़ रुपये की लागत का प्रोजेक्ट भी चल रहा है। सांसद ने कहा कि बाईपास परियोजना से भविष्य में दरभंगा जंक्शन पर यातायात का बोझ कम होगा।
इसी तरह, राज्य सरकार ने दरभंगा में 10 आरओबी का अंतिम संशोधित अनुमान तैयार किया है। इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी और निविदा की प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा। सांसद ने कहा कि 1.50 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि से वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक वीआईपी गेस्ट हाउस का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही रेलवे कर्मचारियों के लिए 42 टाइप टू क्वार्टर का निर्माण भी किया गया है।