लोक जनशक्ति पार्टी में उठापटक के बीच चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विरोधियों पर इमोशनल अटैक किया है। चिराग पासवान ने कहा कि कुछ लोग हमारी पार्टी को उस वक्त भी तोड़ना चाहते थे, जब मेरे पिता अस्पताल में एडमिट थे। चिराग ने कहा, ‘तब मेरे पिता ने पार्टी के नेताओं से यह बात कही थी। उन लोगों में मेरे चाचा पशुपति नाथ पारस भी शामिल थे। कुछ लोग संघर्ष के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन हमें उससे गुजरना होगा।’ इसके साथ ही चिराग पासवान ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद और संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी से हटाए जाने का भी विरोध किया।
चिराग पासवान ने कहा, ‘सदन के नेता का चुनाव ससंदीय समिति का फैसला होता है। मौजूदा सांसद इस बारे में फैसला नहीं ले सकते। ऐसी खबरें हैं कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। लेकिन पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष तभी हट सकता है, जब उसकी मौत हो गई हो या फिर उसने खुद इस्तीफा दे दिया हो।’ चिराग पासवान ने कहा कि यह सब कुछ एक साजिश के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि यह साजिश भी ऐसे वक्त में कई गई, जब मैं बीमार था। यहां तक कि मैंने अपने अंकल से संपर्क करने का भी प्रयास किया था, लेकिन बात नहीं हो सकी।
I was looking up to my uncle (Pashupati Kumar Paras) when my father and other uncle passed away…I didn’t become an orphan when my father passed away. But I did, when my uncle did this: Chirag Paswan, LJP pic.twitter.com/dcGxSyEGLW
— ANI (@ANI) June 16, 2021
जेडीयू पर लगाया पार्टी को तोड़ने की कोशिश का आरोप
चिराग ने कहा, ‘जब मेरे पिता और एक अन्य चाचा की मौत हो गई तो अपने अंकल (पशुपति पारस) की ओर देख रहा था… मैं तब अनाथ नहीं हुआ था, जब मेरे पिता गुजर गए थे। लेकिन आज जो हुआ है, उससे मैं अनाथ हो गया हूं।’ यही नहीं चिराग पासवान ने कहा बिहार चुनाव के दौरान भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई थी। चिराग पासवान ने कहा, ‘बिहार चुनाव के दौरान, उससे पहले भी, उसके बाद भी कुछ लोगों द्वारा और खास तौर पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) द्वारा हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास निरंतर किया जा रहा था।’