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Bihar Live News – क्यूमलोनिंबस बादलों ने कराई भारी वर्षा और वज्रपात, टूटा दो दशकों का रिकॉर्ड, अनजाने डर ने पटनावासियों को रातभर जगाया

क्यूमलोनिंबस बादलों के अत्यंत प्रचंड रूप धारण करने की वजह से शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात राजधानी व इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश और प्रचंड वज्रपात की स्थिति देखी गई। मौसम विभाग की ओर से इन बादलों के उग्र होने का पहले से आंशिक अनुमान था लेकिन यह इतने प्रचंड हो जाएंगे ऐसा किसी ने नहीं सोचा था।

यही वजह रही कि रात एक बजे के आसपास जब रडार पर इसके संकेत मिले तो मौसम विभाग के आला अधिकारी जाग गए। तत्काल सभी संसाधनों के जरिए इसका अलर्ट जारी किया गया। देखते-देखते स्थिति गंभीर होती गई और बादलों ने बारिश का दो दशक से अधिक का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

अलर्ट की स्थिति ऐसी बनी कि बारिश और वज्रपात की स्थिति को लेकर सरकार के कई विभागों के अधिकारी रात भर मौसम विज्ञान केंद्र पटना से संपर्क में रहे। पटनावासियों के साथ-साथ इन अधिकारियों का भी रतजगा तब तक चलता रहा जबतक मौसम की स्थिति थोड़ी बेहतर नहीं हो गई।

हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से आपदा विभाग व अन्य विभागों को यह आश्वस्त कर दिया गया था कि वज्रपात और बारिश की यह स्थिति ज्यादा देर तक रहने वाली नहीं हैं क्योंकि ज्यादा देर तक इन बादलों को बरसने के लिए जिस मौसम सिस्टम की मदद चाहिए होती है वह अभी सूबे में कहीं नहीं हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विवेक सिन्हा बताते हैं कि इस मौसम में क्यूमलोनिंबस क्लाउड्स का बनना आम है। बीती रात ये बादल वातावरण में दस से 14 किमी की ऊंचाई तक बने और पटना व इससे सटे दक्षिण भाग में ये घनीभूत हो गए। चूकि वातावरण में नमी पहले से थी इसलिए प्रचंड बिजली चमकने और मेघ गर्जन की स्थिति बनी। सबकुछ इतनी जल्दी हुआ कि वजह क्यूमलोनिंबस बादलों की इस अप्रत्याशित उग्रता का सटीक अनुमान नहीं हो सका।

क्या है क्यूमलोनिंबस क्लाउड
क्यूमलोनिंबस क्लाउड कपासी वर्षी बादल लंबवत रचना वाले बादल होते हैं। इनका विस्तार ऊंचाई में अधिक होता है। इस वजह से ये पर्वत जैसे या लंबवत स्तंभ के रूप में दिखाई पड़ते हैं। इसके साथ वर्षा ओला तथा तड़ित झंझा की अधिक संभावना रहती है। ये मूसलाधार वर्षा और भारी वज्रपात के कारण बनते हैं।

अनजाने भय और दहशत में बीती पटनावासियों की रात
बादलों के गरजने और लगातार वज्रपात की घटनाओं से लोगों की रात भय और दहशत में बीती। गनीमत थी कि रात का समय था और सभी लोग घर में थे वरना जानमाल की बड़ी क्षति हो सकती थी। राजधानी के लोगों का कहना है कि बीते दो दशकों में उन्होंने बादलों को इस तरह गरज चमकते नहीं देखा था। 

ऐसा लग रहा था जैसे आकाश में युद्ध लड़ा जा रहा है। भारी वज्रपात, प्रचंड मेघ गर्जन और बिजली चमकने से रात भर पूरा पटना डरा सहमा रहा। सुबह देर तक लोग अपनों का हाल लेते देखे गए। दिनभर सोशल साइट्स पर भी भय और दहशत के माहौल की चर्चा लोग करते रहे।

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