जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने पर उनकी पार्टी में जश्न का माहौल है। कार्यकर्ताओं ने दिल्ली से पटना तक इस खुशी का इजहार किया। उधर, आरसीपी सिंह की जन्मभूमि बिहारशरीफ के नालंदा में भी खुशी का माहौल है। आरसीपी सिंह के गांव मुस्तफापुर में उनकी पत्नी गिरिजा सिंह ने बुधवार की शाम शपथ ग्रहण के बाद कहा कि यह सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की देन है।
आरसीपी सिंह के गृहजिले नालंदा को पूरी दुनिया में शिक्षा के प्राचीन केंद्र के तौर पर जाना जाता है। यह जगह कई दिग्गज राजनीतिज्ञों की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही। लोगों का कहना है कि यहां से कई आईएएस, आईपीएस और बड़े-बड़े अधिकारी भी हुए लेकिन यहां जन्म लेने वाले किसी आईएएस के केन्द्रीय मंत्री बनने का पहला सौभाग्य आरसीपी सिंह को मिला।
63 वर्षीय रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) जदयू के नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद व खासमखास हैं। पार्टी में नीतीश कुमार के बाद वे सबसे महत्वपूर्ण नेता हैं। आरसीपी सिंह के पास लम्बा प्रशासनिक अनुभव रहा है। वे उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस रहे हैं। यूपी, केन्द्र की सरकार और बिहार के सीएम के साथ काम करने का उनके पास लम्बा अनुभव है। ब्यूरोक्रेट रहे आरसीपी सिंह फिलहाल राज्यसभा के सांसद (दूसरा टर्म) और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जदयू के सांगठनिक विस्तार में उन्होंने महती भूमिका निभाई है। जदयू की रीति और नीति के प्रचार-प्रसार के लिए राज्य से लेकर जिला और पंचायत स्तर के प्रमुख नेताओं के लिए प्रशिक्षण अभियान जदयू ने इन्हीं के नेतृत्व में चलाया है।
जदयू के पक्ष में सामाजिक समीकरण को मजबूत करने तथा अतिपिछड़ों की प्रचंड गोलबंदी में भी इनकी भूमिका महती रही है। जिलों में अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक, दलित सम्मेलनों, रोड शो आदि के माध्यम से जदयू को मजबूत किया है। बूथ स्तर तक संगठन के विस्तार की योजना इन्होंने बनायी और अन्य नेताओं के सहयोग से उसे अमली जामा पहनाया। 2010 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैछिक सेवानिवृत्ति लेकर आरसीपी सिंह राजनीति के मैदान में उतरे। वे अवधिया कुर्मी जाति से आते हैं तथा नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के मुस्तफापुर के रहने वाले हैं। इनकी एक पुत्री लिपि सिंह बिहार कैडर की 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं।