शनिवार की देर शाम घर में पढ़ाई कर रही 15 वर्षीया किशोरी का कुछ मनचलों ने अगवा कर लिया। खोजबीन करने पर एक घंटे बाद वह बेहोशी अवस्था में सड़क किनारे एक झाड़ी में मिली। किशोरी का हाथ और पैर दुपट्टे से बंधा हुआ था, जिसे देखकर उसके साथ दुष्कर्म की आशंका जताई जा रही है। घटना अररिया जिले के कुआड़ी ओपी क्षेत्र के एक गांव की है। वहीं पुलिस ने दुष्कर्म की आशंका को खारिज करते हुए शक के आधार पर तीन लोगों को हिरासत लेकर पूछताछ कर रही है।
घटना के संबंध में पीड़ित युवती के पिता बताया कि शनिवार की शाम उनकी बेटी घर में पढ़ाई कर रही थी। उनकी मां दूसरे घर में थी। जब उसकी मां बेटी को घर में नहीं देखा तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। एक घंटे बाद पक्की सड़क किनारे झाड़ी में वह बेहोशी की अवस्था में मिली। उसके दोनों हाथ व पैर दुपट्टे से बंधे हुए थे। लोगों ने आनन-फानन में किशोरी को कुर्साकांटा अस्पताल पहुंचाया। वहां से बेहतर इलाज के लिए अररिया सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजनों को आशंका है कि बच्ची के साथ साथ गलत हुआ है। गुस्साए ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में चल रहे मवेशी हाट और गांव के आगे निर्माणाधीन इंट भट्ठे के मजदूरों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है।
घटना के बाद शनिवार देर रात ही आक्रोशित ग्रामीणों ने कुर्साकांटा-कुआड़ी मार्ग को जाम कर प्रदर्शन करने लगे। सूचना मिलने के बाद मौके पर सदर एसडीओ शैलेश चन्द्र दिवाकर व एसडीपीओ पुष्कर कुमार पुलिस टीम के साथ डाढ़ापीपर पहुंचे। आक्रोशित लोगों ने प्रशासन से निर्माणाधीन ईंट-भट्ठा व मवेशी हाट बंद करने की मांग करने लगे। एसडीओ ने कहा कि ग्रामीण लिखित आवेदन दें, जांच कर ईंट-भट्ठा व मवेशी हाट को बंद करने की दिशा में उचित कार्रवाई की जायेगी।
एसडीपीओ ने कहा कि पीड़िता के फर्द बयान से स्पष्ट हो गया है कि बच्ची के साथ गलत नहीं हुआ है। एसडीपीओ ने कहा कि किशोरी को घर से उठाने व झाड़ी में फेंकने की दिशा में अनुसंधान किया जा रहा है। एसडीपीओ ने कहा कि पीड़िता के पक्ष से लिखित आवेदन मिलने पर उचित कार्रवाई की जायेगी। एसडीओ व एसडीपीओ की ओर से मिले आश्वासन पर लोग शांत हुए व जाम को खत्म किया। ग्रामीणों ने कहा कि यदि ईंट-भट्ठा व मवेशी हाट लगना बंद नहीं हुआ तो वे लोग आंदोलन करेंगे। इस घटना के बाद से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।