अब सभी पंचायतों में एक-एक उच्च माध्यमिक विद्यालय होंगे। इसे लेकर जिलास्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले में 63 ऐसी पंचायत हैं, जहां पर इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होती है। दो प्रखंडों से तो विद्यालय को उत्क्रमित करने का प्रस्ताव भी जिला शिक्षा कार्यालय को दिया गया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 75 डिसमल जमीन की उपलब्धता आवश्यक है। इसमें 40 डिसमल जमीन खाली होनी चाहिए। यदि किसी विद्यालय के पास इतनी जमीन है तो वह इसके लिए प्रस्ताव भी भेज सकता है। मालूम हो कि 63 विद्यालयों में इसी शैक्षणिक सत्र से नौवीं की पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
दान या लीज की जमीन पर भी खुलेंगे स्कूल
जिन स्कूलों के पास 75 डिसमल जमीन नहीं है, वे अपने मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालयों में प्रोन्नत करने के लिए दान में भूमि प्राप्त करने के लिए पहल भी कर सकते हैं। इसके बदले दानदाता के नाम पर स्कूल का नाम रखा जाएगा। दान में नहीं मिली तो किसी निजी भूमि को पट्टा (लीज) पर प्राप्त करने का प्रयास किया जा सकता है। इसका विधिवत प्रस्ताव बिहार शिक्षा परियोजना को भेजा जाएगा।
भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा, ‘जिन प्रोन्नत मध्य विद्यालयों में जमीन उपलब्ध हो जाएगी, उसे प्रोन्नत कर उच्च माध्यमिक विद्यालय बनाया जाएगा और जहां अलग से जमीन मिल जाएगी, वहां नया उच्च माध्यमिक विद्यालय खोलने का विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा।’