यदि आप ट्रेन में सफर करते है, तो यह खबर आपके लिए है. बीते दिनों रेलवे के अधिकारियों का बैठक बंगलोरे में किया गया जिसमें यह फैसला लिया गया है की 1 अक्टूबर से कई रूटों पर चलने वाली कई ट्रेनों के समय में बदलाव किया जा सकता है। उस बैठक में समयसारणी पर भी चर्चा हुई जिसमें ट्रेनों की टाइमिंग कम हो सकती है। अभी दो स्टेशनों के बीच की समान दूरी में ही अप और डाउन ट्रेनों की टाइमिंग में एक से डेढ़ घंटे का अंतर होता है। इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।
नया टाइम टेबल लागू किया जाएगा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कईं और बैठक हो सकती है। जिसमें ट्रेनों के समय व लम्बी दूरी तय करने वाले ट्रेनों में कई ट्रेनों में समस्या आती है उसे दूर करने पर चर्चा होगी। पूर्व मध्य रेलवे ने अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि लंबी दूरी की अधिकतर ट्रेनें दूसरे जोन से आती हैं। उसकी टाइमिंग को यहां की ट्रेनें के समय से मैच करना पड़ता है। इसलिए इस जोन से जब हरी झंडी मिलेगी, तभी नया टाइम टेबल लागू किया जाएगा।
सुपरफास्ट ट्रेनों को निकालने के लिए अन्य ट्रेनों को रोककर चलाया जाता बता दें कि कई स्टेशनों के बीच महज 2-4 किलोमीटर की दूरी तय करने में ट्रेनों को एक-दो घंटे का समय लग जाता है। दानापुर से पटना जंक्शन पहुंचने में भी कई ट्रेनें एक से डेढ़ घंटा लेती हैं। सीपीआरओ का कहना है कि ट्रैफिक लोड ज्यादा होता है तो सुपरफास्ट ट्रेनों को निकालने के लिए अन्य ट्रेनों को रोककर चलाया जाता है। अब इस समस्या को दूर करने के लिए ट्रेनों के समय सारणी में परिवर्तन किया जाएगा।