राजधानी में पूर्ण रूप से डीजल से चलने वाले ऑटो पर बैन लगा दिया गया है। इसके बाद अब राज्य सरकार नगर बस सेवा के परिचालन पर भी बैन लगा दी है। बता दें कि पिछले रविवार को एक खबर आई जिसमें बताया गया कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए डीजल से चलने वाली नगर बस सेवा को धीरे धीरे शहर से बाहर किया जाएगा। तो वही आपको बता दे कि इसके जगह राजधानी में प्राइवेट सीएनजी बसों का परिचालन शुरू हो गया। शहर में इस हफ्ते से 47 नए सीएनजी बसों का परिचालन शुरू हो गया है।
बता दें कि 10 जून से लेकर एक जुलाई तक में कुल 3 करोड़ 52 लाख 50 हजार का अनुदान दिया जा चुका है। 50 बसों में से 47 बसों को अनुदान देने का काम हो चुका है। केवल तीन बसों के मालिक रह गये, जो अपनी व्यक्तिगत व्यस्तता या अस्वस्थता की वजह से उसे लेने के लिए नहीं आये। स्वराज माजदा और टाटा से ये बसें खरीदी गयी हैं, जिनकी कीमत 25 से 30 लाख के बीच पड़ती है। इनको हरे और सफेद रंग से पेंट किया गया है, जो इनके प्रदूषण रहित होने का संकेत है।
मालूम हो कि पहले से ही 70 सीएनजी बसें पटना की सड़कों पर चल रही है और बेली रोड रुट से अपनी सभी डीजल बसों को बीएसआरटीसी ने हटा लिया है। इन नई सीएनजी बसों के आने से शेष 50 डीजल बसों को भी पटना शहर से बाहर करने में बीएसआरटीसी सफल रहेगा