बिहार में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बेहतर रूप से विभाग काम कर रही है। यदि राजधानी में पर्यटक संग्रहालय घूमने आएंगे तो उन्हें बिना ट्रैफिक के पटना संग्रहालय से बिहार संग्रहालय घूम सकेंगे। इसके लिए दोनों संग्रहालयों के बीच सब वे का निर्माण किया जा रहा है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके बारे में वे पहले भी कई बार जिक्र करते रहे हैं। बिहार म्यूजियम में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी साझा की।
बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय को जोडऩे के लिए 375 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई है। दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय को भूमिगत जोडऩे का काम दिया गया है। इस काम को पूरा करने के लिए तीन वर्ष का समय मांगा है। इस मौके पर सीएम नीतीश ने कहा कि पूरे देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोई म्यूजियम नहीं है इसीलिए हम बिहार म्यूजियम का कांसेप्ट लेकर आए थे।
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मिली जानकारी के अनुसार 25 जुलाई 2013 को बिहार म्यूजियम का शिलान्यास करने के बाद 07 अगस्त, 2015 को इसके एक हिस्से का उद्घाटन किया गया। इसलिए सात साल बाद इसी दिन पर स्थापना दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गयी है। दो अक्तूबर , 2017 को बाकी काम पूरा कर इस अंतरराष्ट्रीय म्यूजियम को पूरी तरह खोल दिया गया।