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बिहार में नयी सरकार को लेकर रास्ता साफ़, 2 बजे सीएम नीतीश जाएंगे राज भवन, ऐसा होगा राजनितिक समीकरण…

बिहार में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच नई सरकार बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुवाई में जेडीयू की बैठक हुई है तो वहीं दूसरी तरफ राबड़ी आवास पर महागठबंधन की बैठक हुई. जहां कांग्रेस और लेफ्ट ने अपने विधायकों का समर्थन पत्र तेजस्वी यादव को सौंप दिया है. इस बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा गया है. हालांकि राज्यपाल सचिवालय अभी पुष्टि नहीं कर रहा है. इधर चर्चा है कि महागठबंधन के घटक दल की बैठक के बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विधायक मुख्यमंत्री आवास जा सकते हैं।

नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा: बिहार में तमाम सियासी अटकलों के बीच राजभवन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खबर है कि महागठबंधन के घटक दल की बैठक के बाद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में तमाम नेता मुख्यमंत्री आवास पहुंच सकते हैं. वहीं आरजेडी की तरफ से खबर आ रही है कि राजद विधायक दल की बैठक में विधायकों ने मांग की है कि डिप्टी सीएम के साथ गृह विभाग भी तेजस्वी यादव अपने पास रखें. बताया जा रहा है कि आरजेडी विधायक दल की बैठक में यह भी मांग उठी की स्पीकर का पद भी राजद को मिले. महागठबंधन के घटक दल सीपीआई माले को एक मंत्री पद दिए जाने की चर्चा है. जबकि कांग्रेस को दो से तीन मंत्री पद मिल सकता है।

बीजेपी से अलग होकर सरकार बनाना आसान: बिहार में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. महागठबंधन खेमे में अभी 114 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें आरजेडी के 79 विधायक, कांग्रेस के 19 विधायक, माले के 12 विधायक, सीपीआई के दो और सीपीएम के दो विधायक शामिल हैं. बहुमत से महागठबंधन खेमा अभी 8 विधायक दूर है लेकिन नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर निकलने के बाद महागठबंधन के विधायकों की संख्या बढ़कर बहुमत से काफी अधिक हो जाएगी. यह संख्या बढ़कर 159 तक पहुंच जाएगी।

यह है बिहार सरकार का राजनीतिक समीकरण: फिलहाल बिहार में डबल इंजन की सरकार है. बीजेपी और जदयू के साथ ही अन्य सहयोगियों की मदद से सरकार चल रही है. एनडीए में अभी बीजेपी के 77, जदयू के 45, हम के 04 और 01 निर्दलीय विधायक हैं. कुल विधायाकों की संख्या 127 है. वहीं अगर सीएम नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो जाते हैं तो कुछ इस तरह के समीकरण देखने को मिलेंगे. राजद के 79, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, माले के 12, सीपीआई के 02, सीपीएम के 01 और 01 निर्दलीय विधायकों की संख्या होगी जो कुल 159 है. इसमें हम के 4 विधायक जोड़ दें तो यह संख्या 163 हो जाएगी।

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