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बिहार में ट्रेनों ने पकड़ी रफ्तार, पटना से रांची और दरभंगा से सहरसा की दूरी हुई कम

तीन वर्षों में आठ कारिडोर बनने से ट्रेनों ने रफ्तार पकड़ी तो सफर सुहाना हो गया। मिशन मोड में तैयार इन रेललाइन के बिछने से समय के साथ ही दूरी भी कम हुई है। कई नए क्षेत्रों का रेल संपर्क होने से लोगों की राह भी आसान हुई है।

हम बात कर रहे हैं पूर्व मध्य रेल की। डीडीयू से धनबाद समानांतर नई रेल लाइन ङ्क्षसगरौली-चोपन से गढ़वा-डालटेनगंज-पतरातू-चंद्रपुरा से होकर बिछाई गई। इसी तरह गोरखपुर से छपरा-हाजीपुर-मुजफ्फरपुर-बरौनी-खगडिय़ा होते हुए कटिहार से होकर डिब्रूगढ़ तक मुख्य रेललाइन के समानांतर गोरखपुर-वाल्मिकीनगर-सीतामढ़ी-दरभंगा-झंझारपुर-निर्मली होते हुए फारबिसगंज-अररिया होते हुए सीधे न्यू जलपाईगुड़ी में मिलती है। इस रेलखंड से मेन लाइन से कटिहार गए बगैर ही ट्रेनें नार्थ ईस्ट शहरों तक पहुंच जाती हैं। इस तरह तीन नई रेललाइन बिछने से महत्वपूर्ण मुख्य रेल कारिडोर की संख्या पांच हो गई। इससे ट्रेनों की संख्या तो बढ़ी ही, समय पर भी सफर हो रहा है।

इसी तरह रेलवे की ओर से डीडीयू झाझा मुख्य लाइन के लोड को कम करने के लिए नेउरा से दनियावां होते हुए बिहारशरीफ-बरबीघा होकर शेखपुरा तक नई लाइन बिछाई गई। इससे ट्रेनों को दानापुर-पटना जंक्शन-बख्तियारपुर-बाढ़-मोकामा से गुजारे बगैर सीधे किउल अथवा गया चलाई जा सकती है।

पटना से रांची की दूरी 40 किमी कम

पटना से रांची के लिए नई रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है। यह रेल लाइन भी अंतिम चरण में है। पटना जंक्शन-फतुहा-इस्लामपुर-नटेसर-तिलैया-कोडरमा-हजारीबाग- बरकाकाना होते हुए रांची तक जाएगी। इस रेल लाइन के शुरू होने से पटना से रांची के बीच की दूरी 40 किमी कम हो जाएगी। पहले पटना से गया-कोडरमा-गोमो-बोकारो-मुरी होते हुए रांची जाती थी तो दूरी 412 किमी थी। अब नए रेलखंड से पटना-रांची की दूरी सिमट कर 372 किमी रह गई।

किउल से गया रेलखंड के दोहरीकरण कार्य अंतिम चरण में

पाटलिपुत्र-सोनपुर-हाजीपुर-सुगौली, हाजीपुर-बछवाड़ा, हाजीपुर-वैशाली, राजगीर-तिलैया के साथ ही बाढ़ एनटीपीसी के लिए बंधुआ-पैमार-तिलैया-राजगीर-बख्तियारपुर-बाढ़ होते हुए पंडारक स्थित एनटीपीसी तक नई रेल लाइन बिछी है। किउल-गया रेलखंड के दोहरीकरण व इलेक्ट्रिफिकेशन का काम अंतिम चरणों में है।

पांच मेन कारिडोर

1. डीडीयू-डेहरी आन सोन-गया-कोडरमा-गोमो-धनबाद ग्रैंड कार्डलाइन

2. नई लाइन : सिंगरौली-गढ़वा-डालटेनगंज-पतरातू-चंंद्रपुरा-धनबाद सीआइसी लाइन

3. डीडीयू-पटना-मोकामा-किउल-झाझा मेन लाइन

4. गोरखपुर-छपरा-हाजीपुर-मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर-बरौनी-कटिहार-न्यूजलपाईगुड़ी-गुवाहाटी

5. नई लाइन : गोरखपुर-वाल्मिकीनगर-सीतामढ़ी-दरभंगा-झंझारपुर-निर्मली-फारबिसगंज- अररिया-गलगलिया-न्यू जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी

छह मिनी कारिडोर

1. नेउरा-दनियावां-बिहारशरीफ-बरबिघा-शेखपुरा-किउल

2. पटना-फतुहा-इस्लामपुर-नटेसर-तिलैया-कोडरमा-हाजारीबाग-बरकाकाना-रांची

3. हाजीपुर-वैशाली, हाजीपुर-सगौली, हाजीपुर-बछवाड़ा

4. बंधुआ-पैमार-तिलैया-राजगीर-करनौती-पंडारक

5. पाटलिपुत्र-पहलेजा-सोनपुर

6. सोननगर-पतरातु तीसरी लाइन

रेललाइन का बिछाया जाल

पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि रेलवे की ओर से बिहार-झारखंड में वर्ष 2018 से 2021 के मध्य तक रेललाइन का जाल बिछाया गया। पूर्व मध्य रेल क्षेत्र से अब पांच महत्वपूर्ण रेल कारिडोर गुजरने लगा है, जिससे ट्रेनों की संख्या बढऩे के साथ समय की भी बचत हुई है। नए क्षेत्रों में ट्रेनों के परिचालन से उस क्षेत्र का तेजी से विकास हुआ है। मालगाडिय़ों के लिए अलग से कई रेल लाइन बनाई गई है, जिससे रेल परिचालन सुगम हुआ है।

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