बिहार में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबित योजनाओं को लेकर पटना हाई कोर्ट काफी गंभीर है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, निर्माण, मरम्मत और चौड़ीकरण से संबंधित 32 याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की। इनपर स्वयं संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कारिडोर के निर्माण में आ रही तमाम समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य के मुख्य सचिव को एक सप्ताह का वक्त दिया है। यह सड़क पटना-आरा-बक्सर हाइवे चौड़ीकरण योजना का ही एक हिस्सा है।
दानापुर रेल टर्मिनल के विस्तार के कारण आ रही अड़चन
पटना हाई कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव एक सप्ताह के अंदर रेलवे, एनएचएआइ, पटना जि़ला प्रशासन सहित उन तमाम स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान निकालें। अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी। सुनवाई के दौरान एनएचएआइ की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दानापुर रेलवे टर्मिनल के विस्तार करने की परियोजना के कारण इस कारिडोर के बनने में अड़चन आ रही है। रेलवे ने प्लैटफार्म के चौहद्दी के पांच मीटर दूर तक किसी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा रखी है।
पटना से बिहटा हवाई अड्डा जाने के लिए यही रास्ता
सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी (कोर्ट मित्र) वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने बताया कि पटना से बिहटा हवाई अड्डा तक जाने के लिए यही एक एलिवेटेड सड़क है। अन्यथा उस एयरपोर्ट का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। आइआइटी व अन्य शैक्षणिक संस्थानों तक सुगम रास्ता देने वाली इस कारिडोर के जरिए ही पटना शहर का पूरे पश्चिम पटना से संपर्क हो पाता है। मामले की सुनवाई के दौरान रेलवे को पार्टी बनाते हुए रेलवे के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद को सुनवाई में शामिल किया गया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि रेलवे की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
Note: तस्वीर काल्पनिक है।