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बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन का निर्माण 2024 तक होगा पूरा, दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार की दूरी 60 किमी कम हो जायेगी…

राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए लगातार सड़को व पुलों का निर्माण जारी है। बीते दिनों सोनपुर नदी के समांतर एक पुल को शुरू किया गया तो वहीं अब गंगा नदी के बीचो-बीच एक और पुल का निर्माण काफी तेज गति से जारी है। बता दे कि बख्तियारपुर- ताजपुर फोरलेन का निर्माण कार्य काफी तेजी से हो रहा है। माना जा रहा है कि 2024 तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

935 करोड़ रुपये की मदद राज्य सरकार ने करने का निर्णय लिया

बिहार राज्य पथ विकास निगम निर्माण एजेंसी और बैंक के बीच समझौते के लिए हाइकोर्ट के आदेश का इंतजार है। इसकी सुनवाई 29 जुलाई को है। बता दे कि इस परियोजना की निर्माण एजेंसी की आर्थिक हालत खराब हो गयी थी। उसे बैंक ने आर्थिक मदद करने से मना कर दिया था। बाद में इस परियोजना को पथ निर्माण विभाग की रिवाइवल नीति के तहत पूरा करने का निर्णय लिया गया। इस पुल के बचे काम के लिए 1187 करोड़ रुपये की जरूरत थी। उसमें से करीब 935 करोड़ रुपये की मदद राज्य सरकार ने करने का निर्णय लिया।

दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार की दूरी 60 किमी कम हो जायेगी

दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार की दूरी 60 किमी कम हो जायेगी। इस पुल के बन जाने से नवादा, मुंगेर या नालंदा से आने वाली गाड़ियों को उत्तरबिहार जाने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में दक्षिण बिहार से उत्तरबिहार आवागमन में करीब 60 किमी की दूरी कम हो जायेगी। साथ ही जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु औरराजेंद्र सेतु पर गाड़ियों का दबाव कम हो जायेगा।

2011 में शुरू हुआ था इसका निर्माण कार्य

बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल का निर्माण 2011 में करीब 1602.74 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था। पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत शुरू इस परियोजना को 2016 में ही पूरा कर लेना था, लेकिन पहले जमीन अधिग्रहण और फिर एजेंसी की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण परियोजना तय समय पर पूरी नहीं हो सकी। अब इसकी अनुमानित लागत बढ़ कर करीब 2875 करोड़ रुपये हो गयी है। इस परियोजना में बनने वाले पुल की लंबाई करीब 5.5 किमी और एप्रोच की लंबाई करीब 45.39 किमी होगी।

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