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पीएम मोदी का ये बड़ा फैसला, देश के 80 करोड़ लोगों इस दिन फ्री में मिलेगा अनाज, जानें विस्तार से

दीवाली का भी त्यौहार  आ रही है. ऐसे में मोदी सरकार ने देश के 80 करोड़ जनता को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दे दिया है. बता दें, मुफ्त अनाज योजना की अवधि को अगले तीन महीने तक बढ़ा दी गई है.

दरअसल, खाद्य मंत्रालय ने मुफ्त अनाज योजना की अवधि तीन महीने का प्रस्‍ताव दिया था, जिस पर मंथन किया गया और योजना की अवधि दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला ले लिया गया है. इसके तहत देश की करीब 80 करोड़ जनता को चावल या गेहूं दिया जाता है. हालांकि, योजना के चलते सरकार पर सालाना 18 अरब डॉलर (करीब 1.44 लाख करोड़ रुपये) का बोझ आता है. योजना का दायरा बढ़ाए जाने के बाद सरकार पर इसका कुल बोझ बढ़कर 44 अरब डॉलर (3.5 लाख करोड़ रुपये) पहुंच    गया है.

क्‍या मिलता है योजना में
इस योजना के तहत मोदी सरकार देश की 80 करोड़ जनता को हर महीने प्रति व्‍यक्ति के हिसाब से 5 किलो गेहूं या चावल देती है. साथ ही एक किलोग्राम प्रति व्‍यक्ति के हिसाब से साबुत चना दिया जाता है. यह योजना राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लोगों को सब्सिडी के जरिये मुफ्त राशन उपलब्‍ध कराती है. इसका मकसद कोरोनाकाल में महामारी से प्रभावित गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

पहले भी 6 महीने बढ़ाई थी अवधि
मोदी सरकार योजना लागू होने के बाद से दो बार इसकी मियाद बढ़ा चुकी है. इससे पहले मार्च में भी सरकार ने योजना की अवधि 6 महीने बढ़ाई थी. तब इसे मार्च से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया था. हालांकि, अवधि बीतने से पहले ही योजना का दायरा दिसंबर तक कर दिया गया है. इससे पहले सरकार ने एक रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई के पास अनाज की कोई कमी नहीं है. अगस्‍त तक एफसीआई के पास 2.8 करोड़ टन चावल और 2.67 करोड़ टन गेहूं का भंडार था.

त्‍योहार फीका न हो इसलिए बढ़ाया दायरा
मोदी सरकार ने मुफ्त अनाज योजना का दायरा त्‍योहारी सीजन को देखते हुए बढ़ाया है. कैबिने मीटिंग से पहले इस बात के कई प्रस्‍ताव आए थे कि अक्‍तूबर से शुरू हो रहे त्‍योहारी सीजन में इस योजना को खत्‍म करने से लोगों को काफी असर पड़ेगा. साथ ही अगले कुछ महीने में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. गौरतलब है कि यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब इस साल मानसून की बारिश कम होने से चावल की पैदावार 7 फीसदी घटने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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