राज्य फार्मा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम जारी है। इसके तहत उद्योग विभाग (जेआईआईडीसी) रांची के चान्हो प्रखंड के बीजूपाड़ा में फार्मा एस्टेट/ पार्क विकसित करने में जुटा है। झारखंड इंडस्ट्रिलय इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेआईआईडीसी) के एमडी जीतेंद्र कुमार के अनुसार पार्क निर्माण के लिए एनआईटी निकाला गया है। जल्द ही सभी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
बता दें कि बीजूपाड़ा के बरहे गांव में फार्मा पार्क के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए पांच कंपनियां आगे आईं हैं। इसमें तीन स्थानीय और दो कंपनियां बाहर की हैं। इनमें श्रीराम इंटरप्राईजेज रांची, एसके सिन्हा रांची, हाईटेन कंस्ट्रक्शन के अलावा केएमवी प्रोजेक्ट हैदराबाद व हाईड्रोटेक पर्यावरण इंडिया मोहाली (पंजाब) शामिल हैं। मुख्य अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि नवंबर तक निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उसके बाद 24 माह यानी वर्ष 2024 तक फार्मा पार्क विकसित कर लिया जाएगा। इसके लिए लगभग 35.08 एकड़ भूमि चिह्नत की गयी है। इसके निर्माण पर लग 39 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
55 भूखंड आरक्षित फार्मा पार्क में दवाओं के निर्माण से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई प्रकार की छूट का प्रावधान किया है। पार्क में फार्मा उद्योगों को आवंटन के लिए 55 भूखंडों को आरक्षित किया गया है। इन भूखंडों में से 30 भूखंड सूक्ष्म (माईक्रो) उद्योग के लिए, 14 भूखंड छोटी (स्मॉल) इकाइयों के लिए, 07 भूखंड मध्यम (मीडियम) इकाइयों के लिए एवं 04 भूखंड बड़े औद्योगिक इकाइयों के लिए चिह्नित हैं। वहीं,1.59 एकड़ ओपन स्पेश छोड़ा गया है। दवाओं के निर्माण से लेकर रिसर्च एवं क्लिनिकल डेटा मैनेजमेंट की व्यवस्था भी होगी।
बड़े पैमाने पर युवाओं को मिलेगा रोजगार
फार्मा पार्क के विकसित होने के बाद बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। मांडर के पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि मांडर विधान सभा क्षेत्र से रोजगार के लिए बड़े पैमाने पर युवाओं का पलायन होता है। मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता फार्मा पार्क का सपना साकार हो रहा है। इससे क्षेत्र के युवाओं का पलायन रुकेगा। हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।