झारखंड में इस साल भी गली-मोहल्लों में पटाखे की बिक्री नहीं होगी। हालांकि खुदरा विक्रेता दुकान लगा सकें, इसके लिए जगह-जगह कलस्टर बनाए जाएंगे। अभी मोरहाबादी मैदान को कलस्टर बनाया गया है। जबकि आवेदनों की संख्या के आधार पर शहर में अन्य स्थानों पर भी कलस्टर तैयार किए जाएंगे। पटाखा बेचने वालों के लिए प्रशासन ने कई शर्तें तय की हैं। इसमें उन्हें लाइसेंस भी लेना होगा। आवेदन के साथ नियमों का पालन करने की स्वघोषणा भी करनी होगी। उपायुक्त ने एक्सप्लोसिव रूल 2008 के तहत शर्तों के साथ पटाखा दुकान लगाने की अनुमति प्रदान की है।

लाइसेंस के लिए देना होगा आवेदन

पटाखों की खुदरा बिक्री के लिए जिला सामान्य शाखा लाइसेंस जारी करेगी। इसके लिए दुकानदार को आवेदन करना होगा। लेकिन खुदरा दुकानदारों को थोक विक्रेताओं द्वारा परमिट जारी नहीं किया जाएगा। पहले पटाखों के होल सेलर अपने सील-मुहर से अस्थायी लाइसेंस खुदरा दुकानदारों को जारी करते थे। लेकिन वे इसके लिए अधिकृत नहीं थे।

दो घंटे ही पटाखे चलाने की अनुमति

प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिवाली पर मात्र दो घंटे ही पटाखे चलाने की अनुमति होगी। इसके लिए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने वायु प्रदूषण (ध्वनि समेत अन्य) को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी आदेश जारी किए हैं। कहा गया है कि दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे चलेंगे। गुरु पर्व पर भी यही समय तय हुआ है। छठ में प्रात: 6 से आठ बजे और क्रिसमस-नववर्ष पर मध्य रात्रि 11:55 से 12:30 बजे तक ही पटाखे चलाने की इजाजत रहेगी।