देवघर एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद ही यात्रियों में रूची दिखने लगी. दरअसल, उस दौरान श्रावणी मेला चल रहा था. बता दें, पूरे सावन में कोलकाता और फिर दिल्ली की फ्लाइट में जबरदस्त बुकिंग रही, पर भादो शुरू होने के बाद देवघर से हवाई यात्रा करने वालों की संख्या कम हो गई है. 14 जुलाई से देवघर कोलकाता और 30 जुलाई को देवघर-दिल्ली की सीधी हवाई सेवा शुरू होने के बाद इंडिगो की फ्लाइट में हर दिन औसत 95% तक बुकिंग हो रही थी, पर सावन खत्म होते ही बुकिंग में गिरावट आ गई है.
एयरलाइंस अधिकारियों के मुताबिक जुलाई के बाद अगस्त और सितंबर के अंतिम हफ्ते तक का समय विमानन सेवा के लिए लियन सीजन के रूप है. मेट्रो शहरों को छोड़ सभी छोटे शहरों में हवाई यात्रा करने वालों की संख्या काफी कम हो जाती है. उधर रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम उड़ान के तहत देवघर से पटना और रांची की फ्लाइट के लिए भी लोगों को इंतजार करना होगा. इंडिगो को देवघर से पटना और रांची की सीधी फ्लाइट शुरू करने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण का निर्देश नहीं मिला है.
भादो महीने में अब तक 25% कम हुई बुकिंग
देवघर से कोलकाता के लिए 14 जुलाई से 76 सीट वाले तथा दिल्ली के लिए 30 जुलाई से 186 सीट वाले विमान का परिचालन हो रहा था. कोलकाता रूट पर हवाई सेवा शुरू होने के बाद प्रतिदिन दिन 68 से 70 सीटें बुक हो रही थीं. जबकि दिल्ली की फ्लाइट हर दिन लगभग फुल रहती थी. पर 16 अगस्त के बाद से दोनों फ्लाइट की बुकिंग में कमी आई. कोलकाता की फ्लाइट में जहां 40 से 45 सीटें बुक हो रही हैं, वहीं दिल्ली की फ्लाइट में हर दिन 125 से 130 सीटों की बुकिंग हो रही है.
दुर्गा पूजा के बाद बेंगलुरु व मुंबई की फ्लाइट संभव
इंडिगो ने अक्टूबर में दुर्गा पूजा से पहले मुंबई और बेंगलुरू की डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने की योजना बनाई थी. इस मार्ग पर एयरबस 320 का परिचालन किया जाना था. दिल्ली के साथ ही देवघर से मुंबई और बेंगलुरू के लिए फ्लाइट इंडिगो एयरलाइंस का कॉमर्शियल रूट प्लान का हिस्सा था, पर यात्रियों की संख्या में गिरावट को देखते हुए दुर्गा पूजा से पहले देवघर से बेंगलुरु की फ्लाइट शुरू होने के संभावना कम है.