रांची-पटना हाइवे पर स्थित बरही का जवाहर घाटी खतरनाक हो गया है. 5 किलोमीटर लंबे इस घाटी का लगभग तीन किलोमीटर हिस्सा इस समय सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति में है. सड़क पर मिट्टी और चट्टान पहाड़ से खिसक कर गिरते रहते हैं जिसके कारण यहां से गुजरने वाले वाहनों को परेशानी होती है. NH-31 के फोरलेन चौड़ीकरण का काम जवाहर पहाड़ी को काट कर किया जा रहा है. कटाई हो जाने के कारण पहाड़ कमजोर हो गये हैं. मिट्टी और चट्टान टूट-टूट कर नीचे सड़क पर गिरते रहे हैं. इधर, कुछ दिन से हो रहे बारिश के कारण भूस्खलन की यह क्रिया तेज सी हो गयी है.
बुधवार की रात कई जगह से मिट्टी और चट्टान खिसक कर सड़क पर गिरे जिससे सड़क की स्थिति खराब हो गयी. इसका वाहनों के आवागमन पर प्रभाव पड़ा. चौड़ीकरण का काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जेसीबी मशीन लगाकर मिट्टी और चट्टान को हटा दिया.
फिर भी फॉरेस्ट आईबी के पास से लेकर जवाहर पुल तक लगभग 500 मीटर निर्मित सड़क के टू लेन पर अभी भी मिट्टी और मलवा मौजूद है. इसकी वजह से यहां सड़क अत्यंत सकरी हो गयी है. साथ ही सड़क पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गये, जिनमें बरसात का पानी भर गया है. भारी वाहन सहित दो पहिया व चार पहिया वाहनों को इस समय वहां से गुजरने में भारी परेशानी हो रही है.
NHAI लोगों की सुरक्षा का उपाय करें : SDO
बरही SDO डॉ कुमार ताराचंद ने कहा कि फोरलेन का काम करा रहे NHAI को निर्देश दिया गया है कि वे सुरक्षा का चाक-चौबंद व्यवस्था करें. यदि मिट्टी या चट्टान के स्खलन से किसी के जान-माल की हानि होती है, तो इसकी जिम्मेवारी NHAI ही होगी. इसके पहले भी यह चेतावनी प्रशासन ने उन्हें दे रखी है.