बीते दो दिनों से संसद में महंगाई पर चर्चा हो रही है. इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर हावी रहा. चर्चा के दौरान सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर अपनी तारीफें कायम रखी वहीं विपक्ष ने पूरा ठीकरा केंद्र सरकार पर सौंप दी. उन विपक्षी राज्यों ने भी जहां की महंगाई दर राष्ट्रीय महंगाई दर से कहीं ज्यादा है. देश के कई राज्य ऐसे भी हैं जहां खुदरा महंगाई दर देश की महंगाई दर से अधिक है.
तेलंगाना में जून की खुदरा महंगाई दर 10.05 फीसद के स्तर पर पहुंच गई जबकि जून में देश की खुदरा महंगाई दर 7.01 फीसद थी. इस साल जून में आंध्र प्रदेश की खुदरा महंगाई दर 8.63 फीसद, महाराष्ट्र की 7.97 फीसद, हरियाणा की 8.08 फीसद, राजस्थान की 7.79 फीसद, मध्य प्रदेश की 7.77 फीसद, गुजरात की 7.50 फीसद तो पश्चिम बंगाल की 7.34 फीसद रही. इन राज्यों में खुदरा महंगाई दर बढ़ रही है जबकि देश की खुदरा महंगाई दर घट रही है.
मई माह में देश की खुदरा महंगाई दर 7.04 फीसद थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल मई में तेलंगाना की खुदरा महंगाई दर 9.45 फीसद थी तो आंध्र प्रदेश की 8.49 फीसद.
पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले वैट का भी होता है असर
आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक राज्यों में खाद्य वस्तुओं की अलग-अलग कीमतों की वजह से उनकी महंगाई दर अलग-अलग होती है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सब्नविस ने बताया कि राज्यों की महंगाई दर खाद्य वस्तुओं की कीमतों के साथ उन राज्यों में लगने वाले वैट पर भी निर्भर करती है. जिन राज्यों ने पेट्रोल व डीजल पर वैट को कम किया होगा, वहां महंगाई दर कम हो सकती है.
दिल्ली की महंगाई दर 5.06 फीसद
सोमवार को लोक सभा में महंगाई पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि पेट्रोल व डीजल पर केंद्र ने उत्पाद शुल्क तो कम कर दिया, लेकिन कई राज्यों ने अपना वैट कम नहीं किया. दूसरी तरफ कई राज्य ऐसे भी हैं जहां खुदरा महंगाई दर देश की 7.01 फीसद से काफी कम है. जून में बिहार की खुदरा महंगाई दर सबसे कम 4.68 फीसद रही. इस अवधि में दिल्ली की महंगाई दर 5.06 फीसद, तमिलनाडु की महंगाई दर 5.08 फीसद, उत्तर प्रदेश की 6.85 फीसद तो पंजाब की महंगाई दर 6.30 फीसद रही. आरबीआइ ने खुदरा महंगाई दर की अधिकतम सीमा छह फीसद तय कर रखा है और पिछले छह महीनों से देश की खुदरा महंगाई दर छह फीसद से अधिक चल रही है.