झारखंड के लातेहार जिला में पद की जंगल में हजारों बंदर के कुछ चित्र और कुरकुरे ब्रेड आदि खाकर बीमार पड़ रहे हैं. तला भुना खाने से इनके पेट में प्लास्टिक जाने लगा है और यह बीमार पड़ने लगे हैं.
उनमें तेजी से चर्मरोग फैल रहा है. गला, फेफड़ा, पेट की बीमारियां भी बंदरों को हो रही है. वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ दया शंकर श्रीवास्तव ने बताया है कि आसानी से भोजन मिल जाने की वजह से बंदरों ने अपना स्वाभाविक खाना छोड़ दिया.
आपको बता दें कि ऐसा खाना खाने से बंदरों का व्यवहार बदल गया है और वह जंगली बंदर ना होकर अब काफी ज्यादा बीमार रहने लगे हैं और उनको कई तरह की बीमारियां गिरने लगी है जो कि उनकी सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है.
उनका कहना है कि पतकी जंगल से गुजरने वाले लोग पुण्य कमाने के लिए बंदरों को भोजन दे रहे हैं, लेकिन इससे बंदरों की प्रकृति में बड़ा बदलाव आया है. वे पालतू बंदरों की तरह व्यवहार करने लगे हैं. ये बंदरों के लिए ठीक नहीं है.