बिहार में शराबियों पर शिकंजा कसने के लिए राज्य सरकार कई अलग अलग प्रयास करते रहती है. मालूम होगा इससे पहले हाइ ब्रीड कुत्तों से शराब तस्करियों को ढूंढ रहती थी तो तो कभी हेलीकाप्टर व ड्रोन से शराब को खोजा रहा था। जिसके बाद अब बिहार सरकार एक नयी तकनीक के जरिये राज्य में शराब तस्करी को काम करने की प्रयास करने में जूट गयी है। बता दे कि हेलीकॉप्टर और ड्रोन से जांच के बाद अब हैंड हेल्ड स्कैनर से शराब की जांच की जाएगी। किसी सामान को खोले बिना ही पता चल जाएगा कि इसमें क्या रखा है। शीशा, कांच या प्लास्टिक की बोतल या किसी अन्य माध्यम में रख कर शराब की ढुलाई करने वाले वाहन और माफिया तत्काल इससे पकड़े जा सकेंगे।
इन जिलों में ट्रायल रहा सफल
उत्पाद एवं निबंधन विभाग के उप आयुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि फिलहाल दो हैंड हेल्ड स्कैनर उपलब्ध हुए हैं, जिनको गोपालगंज और डोभी चेकपोस्ट पर जांच में लगाया जायेगा।किसी पर शक होने पर चेक पोस्ट कर्मी किसी भी सामान या वाहन को इसके माध्यम से स्कैन कर देख सकेंगे। फिलहाल कुछ दिनों तक इसका ट्रायल पटना में दीदारगंज चेक पोस्ट और गांधी सेतु पर किया जा रहा है।
हैंड हेल्ड स्कैनर की कीमत बाजार में ढ़ाई से तीन करोड़ रुपये है
मद्य निषेध अधिकारी के मुताबिक एक हैंड हेल्ड स्कैनर की कीमत बाजार में ढ़ाई से तीन करोड़ रुपये है। फिलहाल दो मशीन किराये पर ली गयी है, जिसके लिए एजेंसी को 14 लाख रुपये प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जायेगा। इसके मेंटनेंस की पूरी जिम्मेदारी भी एजेंसी की होगी।