झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि मेरी कोशिश है कि मैं 15 अगस्त तक पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दूं. और इसे लेकर आश्वस्त हूं कि मैं इसे बहाल कर दूंगा. क्योंकि मेरा प्रयास इमानदार है. उन्होंने कहा कि अगली बार मैं जब भी आऊं, तो इसके कागजात के साथ आऊंगा.
उन्होंने इसकी घोषणा मोरहाबादी स्थित फुटबॉल मैदान में आयोजित नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमपीओएस) के पेंशन जयघोष महासम्मेलन में की. सीएम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे. राज्य भर के सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. विभिन्न विभागों के कर्मचारी एनएमपीओएस के बैनर तले आंदोलनरत थे.
रविवार को महासम्मेलन में कई राज्यों के कर्मचारी नेता भी पहुंचे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि कोई पहाड़ के ऊपर, तो कोई पहाड़ की तलहटी, तो कोई नदी किनारे और कोई जंगल व शहर में रहता है. दुर्गम जगहों में भी लोग रहते हैं. ऐसे में उन तक सरकार की योजनाएं और संदेश सारा कुछ आप सरकारी कर्मचारियों के माध्यम से ही पहुंच पाते हैं. आप सरकार के आंख, नाक, कान और हाथ-पैर हैं. योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेवारी आपके कंधों पर है और आप जंगल में भी जाकर इसे पूरा कर रहे हैं. आप राज्य के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं.
कोरोनाकाल में कर्मियों का योगदान सराहनीय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोराना काल के दौरान यहां अस्पताल, डॉक्टर और उपकरण पर्याप्त नहीं थे. जैसे बर्ड फ्लू में पक्षी मरते हैं, वैसे लोगों का हाल था. ऐसे में सरकारी सेवकों की मदद से ही राज्य को इस स्थिति से निकालने में सफलता मिली. पिछली सरकार में राशन कार्ड लेने में भी लोग मर जाते थे. इस सरकार ने एक भी व्यक्ति को भूख से मरने नहीं दिया. आंगनबाड़ी सेविका से लेकर अन्य कर्मी भोजन बनाकर गरीबों को खिलाते रहे. ऐसे में इनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता.