बता दें कि सत्ताधारी भाजपा के छर्रा विधायक रविंद्र पाल सिंह एक मामले में मुकदमा लिखने के लिए अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए. विधायक रविन्द्र पाल को उनकी कुर्सी से हटाकर खुद कोतवाल की कुर्सी पर बैठकर मामले की तहरीर लिखकर कोतवाली को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. वहीं, थाने के अंदर का मंजर देखकर एक पल के लिए तो आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि यह पुलिस का थाना है या विधायक जी का निजी दफ्तर.
विडियो में छर्रा MLA के PS अकबराबाद में FIR हेतु जाने पर SHO ने उन्हें SHO की सरकारी कुर्सी पर बैठाया. प्रोटोकॉल में MLA को SHO की सरकारी कुर्सी पर बैठाना नहीं आता. यह अनुचित, असंगत दिखता है, गलत सन्देश देता है. कृ संज्ञान लें@aligarhpolice @igrangealigarh @adgzoneagra @uppolice pic.twitter.com/r9IiRPF7fF
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) September 14, 2020
आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने एडीजी आगरा और अलीगढ़ पुलिस को टैग करते हुए लिखा कि वीडियो में छर्रा विधायक पुलिस स्टेशन अकराबाद में मुकदमा दर्ज कराने गए. अकराबाद थाने में उन्हें एसएचओ की सरकारी कुर्सी पर बैठया गया. फिलहाल इस वीडियो ने विधायक और एसएचओ को कठघरे में खड़ा कर दिया है.
(रिपोर्ट- रंजीत सिंह)