कन्हैया पांडेय, धनबादआर्थिक तंगी से जूझ रही एक मां ने आखिरकार अपनी ममता का न्यौछावर कर दिया। जिस मां ने 9 महीने अपने गर्भ में बच्चे को रखा और फिर जन्म दिया। अब गरीबी के चलते वह अपने जिगर के टुकड़े को दूसरे को देने को मजबूर हो गई। मामला निरसा के मडवा पंचायत का है, जहां रहने वाली प्रीति देवी अपना बच्चा अपनी भाभी को देने के लिए मजबूर हो गईं। हालांकि, ग्रामीणों ने आरोप ने महिला पर बच्चे को बेचने का आरोप लगाया। जिसको लेकर बैठक हुई, लेकिन वहां भी प्रीति ने अपनी आर्थिक स्थिति का ही जिक्र किया।बच्चे की मां ने बताया आखिर क्यों उठाया ये कदमप्रीति ने बताया कि कच्ची उम्र में उसकी शादी करा दी गई थी और उसके दो बेटा भी हुए। पति घर में कुछ खर्च नहीं देता। जिसके कारण बच्चों की सही ढंग से परवरिश नहीं कर पा रही थी। ऐसे में प्रीति अपने दिल पर पत्थर रखते हुए कालीमंडा की रहने वाली अपनी भाभी को बीती रात अपने जिगर का टुकड़ा सौंप दिया। उन्होंने कहा कि मैंने ये कदम यह सोच कर उठाया कि उनके यहां बच्चे का लालन-पालन सही से होगा।
इसे भी पढ़ें:- पिता ने शादी करवाने से किया इनकार तो बेटे ने पुल से नदी में लगा दी छलांगग्रामीणों ने उठाए महिला के दावों पर सवालप्रीति ने कहा कि हमारी भाभी के कोई संतान नहीं है और हमारे दो बच्चे हैं। ठीक से बच्चों को पालन-पोषण हो इसलिए एक बच्चे को अपने पास रखने और एक को अपनी भाभी को देने का फैसला लिया। प्रीति ने कहा कि घर वालों ने पूरा लिखा-पढ़ी के साथ बच्चे को अपनी भाभी को सौंपा है। हालांकि, जब इसकी सूचना ग्रामीणों को मिली तो उन्होंने इस पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि अगर बच्चा देना ही था तो ग्रामीणों की उपस्थिति में या जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में देना चाहिए था।
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पंचायत के मुखिया ने मामले में क्या कहा जानिएग्रामीणों का कहना है कि प्रीति ने शायद अपने बच्चे को बेच दिया है। हम सभी को यह भी डर है कि कहीं हमारे बच्चे को भी न बेच दें। इसी को लेकर ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, मंडवा पंचायत के मुखिया संजय महत्व ने बताया कि प्रीति काफी गरीब है और उसका पति घर में तनिक भी देख-रेख नहीं करता। जिसके कारण प्रीति अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य बनाने के लिए ये कदम उठाया। इस बीच ग्रामीणों के साथ एक बैठक रखी गई है, जिसमें इस पर आगे को फैसला होने की उम्मीद है।