केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले फायदे को साल 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इससे ग्रामीण इलाकों में गरीबों को फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद देश के ग्रामीण इलाके के गरीब लोगों को पक्का घर मुहैया कराना है। सरकार ने इस योजना के तहत 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जिन्हे पक्का घर नहीं मिल सका। लिहाजा सरकार ने इस योजना को बढ़ाने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, इस योजना में केंद्र सरकार का कुल खर्च 1,43,782 करोड़ रुपये होगा और इसमें नाबार्ड को लोन के इंट्रेस्ट पेमेंट के लिए 18,676 करोड़ रुपये शामिल है। दरअसल, सरकार इस योजना के जरिए पहाड़ी राज्यों को भी 90 फीसदी और 10 फीसदी के आधार पर पेमेंट करती है। जबकि बाकी केंद्र और राज्यों का 60 फीसदी और 40 फीसदी पेमेंट करना होता है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों में सरकार 100 फीसदी पैसे खर्च करती है। साल 2021 नवंबर तक 1.65 65 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को पीएम मोदी ने साल 2015 में लांच किया था। ग्रामीण आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को घर की मरम्मत करवाने और घर बनवाने के लिए आर्थिक सहायता मुहैया दी जाती है।