बाजार में सब्जियों की कीमत क्या बढ़ी गृहणियों का बजट ही बिगड़ गया। लोगों के रसोई वीरान सी दिखने लगी है। यह हाल समावेश सभी वर्ग के लोगों का है। बाजार में कोई भी सब्जी 40 रुपए किलो से कम नहीं है। थोक मंडियों में सब्जियों की आवक कम होने से इसका सीधा असर खुदरा बाजारों में दिख रहा है। व्यापारियों का कहना है कि बारिश के महीने में के वजह से फसल की पैदावार कम हो गई है। जिसका सीधा असर खुदरा बाजारों में देखने को मिल रही है। कोयलाचल में हरी सब्जियों की आपूर्ति ज्यादातर पश्चिम बंगाल व बिहार के विभिन्न इलाकों से होती है। लेकिन बारिश की वजह से हरि सब्जियों की कीमतों में उछाल आ गई है। यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में इसके भाव बढ़ जाएंगे। मालूम हो कि पिछले कई दिनों से सब्जियों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। अब तो यह आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गई है। जिस वजह से लोगों का बजट भी गड़बड़ा गया है। अब केवल सब्जी पर ही खर्च हो रहे हैं। सस्ता होने के कारण अधिकतर लोग आलू खाने को ही मजबूर हैं। बाजार में आलू ही जिसका भाव काम है। विक्रेताओं की मानें तो लोकल आवक घटने और बाहर से सब्जियां महंगी आने की वजह से ही हरी सब्जियों में तेजी आई है।
सब्जियों के खुदरा भाव
टमाटर 40, पटल 40, बरबटी 40, करेला 80, बेगन 70, खखसी 40, कदू 40, नेनुआ 30, भिंडी 50, खीरा 40, फूल गोभी 70, ओल 40, बीम 100, शिमला मार्च 100, गाजर 50, केला 30 रुपये प्रति किलों की दर से खुदरा बाजारों में बिक रहा है।